UKSSSC पेपर लीक मामले में हाकम के साथी ने जमानत तुड़वाकर किया सरेंडर, एसटीएफ की की रडार पर 60 नकलची

यूकेएसएसएससी परीक्षा पेपर लीक मामले में हाकम सिंह रावत के बिजनौर निवासी साथी केंद्रपाल ने उत्तराखंड एसटीएफ के डर से सरेंडर कर दिया है। उसने किसी पुराने मुकदमे में जमानत तुड़वाई और सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहीं, पूरे मामले में अब तक 60 नकलची अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है। एसटीएफ के अनुसार अभी तक इस परीक्षा में शामिल लगभग 80 अभ्यर्थियों ने आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। हाकम सिंह रावत का बिजनौर जिले के धामपुर का रहने वाला साथी केंद्रपाल भी पेपर लीक मामले का एक मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
बता दें कि एसटीएफ की जांच में बार-बार धामपुर का कनेक्शन हाकम के साथ जुड़ रहा है। इस क्षेत्र के कुछ नकल माफिया भी एसटीएफ के रडार पर हैं। धामपुर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पड़ता है। लिहाजा, यहां के नकल माफिया दोनों प्रदेशों की परीक्षाओं में नकल कराने माहिर हैं। आयोग की इस परीक्षा में हाकम सिंह ने भी अपने इन्हीं साथियों के साथ मिलकर धामपुर में नकल का सेंटर बनाया था। इस सेंटर पर दर्जनों अभ्यर्थियों को ले जाकर नकल कराई गई। इस कनेक्शन में अब तक हाकम सिंह समेत कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। सूत्रों के हवाले से आ रही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्रपाल ने एसटीएफ से बचने के लिए कोर्ट में सरेंडर किया है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए अभी तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, 60 नकलची अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है। एसटीएफ के अनुसार अभी तक इस परीक्षा में शामिल लगभग 80 अभ्यर्थियों ने आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं, लेकिन बयान दर्ज कराने वालों में अधिकांश वह अभ्यर्थी हैं। जिनका परीक्षा में नकल और अनुचित साधनों का उपयोग करने में संलिप्तता नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ एसटीएफ की इन्वेस्टिगेशन में पहचाने गए अधिकतर नकलची फरार चल रहे हैं। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार पेपर लीके मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ हुई। जिसमें 50 से 60 नकलची अभ्यर्थियों की जानकारी सामने आई है। करीब 50 ऐसे अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा चुका है, जिन्होंने नकल गिरोह का सहारा लेकर परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया में जगह बनाई है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने चेतावनी दी है कि जो भी अभ्यर्थी पैसे देकर नकल गिरोह की मदद से परीक्षा में उत्तीर्ण होकर चयनित हुए हैं, वे लोग जांच में सहयोग करें। ऐसे अभ्यर्थी जल्द से जल्द साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखने के लिए सामने आये और अपना बयान दर्ज कराएं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और फरार होते है तो अपने खिलाफ कानूनी मुश्किलें बढ़ जाएगी। गलत कार्यों में संलिप्त अभ्यर्थियों के खिलाफ सबूतों के आधार पर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

