हल्द्वानी : आपदा का भेंट चढ़ी गौला ब्रिज की एप्रोच रोड, कांग्रेस ने खोला मार्चा, लगाया धांधली का आरोप
हल्द्वानी। गौला पुल की एप्रोच रोड विगत दिनों बरसात में बह जाने के बाद से पुल में आवागमन बंद है। जिस वजह से गौलापार, चोरगलिया, खटीमा, टनकपुर सहित पर्वतीय इलाकों की तरफ हल्द्वानी से बाईपास होकर जाने वाला पूरा यातायात बाधित है। कांग्रेस तथा अन्य सामाजिक संगठन पूर्व में दो बार प्रशासन को पुल के जल्द खोले जाने और वैकल्पिक मार्ग बनाए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं। बावजूद इसके अभी भी पुल का स्थलीय निरीक्षण ही हो रहा है। इसी के मद्देनजर आज कांग्रेस ने गौलापार, गौला पुल के पास चौराहे में विशाल धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। धरना प्रदर्शन में जहां कांग्रेस के सारे दिग्गज एक साथ धरने पर बैठे हैं।
रविवार को हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश के नेतृत्व में गौला पुल के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी पहुंचे। सभी ने धरने का समर्थन किया। धरना प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं ने प्रशासन, NHAI और सरकार पर आरोप लगाए हैं कि जब पिछली बार 9 करोड़ 65 लाख रुपए से गौला पुल में एप्रोच रोड का कार्य हुआ, तो आखिर वह इस बार कैसे पानी में बह गया। उसकी जांच होनी चाहिए। इसके अलावा जल्द से जल्द इस पुल को खोले जाने की मांग कांग्रेसी नेताओं ने की। उन्होंने कहा गौलापार से हल्द्वानी आने के लिए अब लोगों को तीन गुना से ज्यादा किराया वहन करना पड़ रहा है। लोगों को कई किलोमीटर लंबी यात्रा कर हल्द्वानी आना पड़ रहा है।
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा तीन साल पहले 9 करोड़ 60 लाख की लागत से पुल के अप्रोच को तैयार किया गया। जिसमें भ्रष्टाचार कर गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नतीजा है कि आज पुल की एप्रोच रोड पानी में बह गई। पूरे मामले की कुछ स्तरीय जांच होनी चाहिए। इसके अलावा सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कार्य में तेजी लाकर पुल को लोगों के लिए खोला जाए।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि गौलापार से हल्द्वानी आने के लिए अब गरीब लोगों को तीन गुना से ज्यादा किराया वहन करना पड़ रहा है। यही हाल काश्तकारों का है जिनको अपनी सब्जी मंडी में ले जाने के लिए पैदावार की लागत का सारा पैसा ढुलान में ही खर्च करना पड़ रहा है। आंदोलन कर रहे कांग्रेसी नेताओं ने एक सिरे से सिस्टम में बैठे अधिकारियों व सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया।
धरने में बैठने वालों में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद महेंद्रपाल, हल्द्वानी विधायक सुमित् हरदयेश, पूर्व विधायक संजीव आर्य, हरेंद्र बोरा, जिला अध्यक्ष राहुल छिमवाल, हेमवती नंदन दुर्गापाल, राजेंद्र खनवाल, खजान पांडे, नीरज रैकवाल, अर्जुन बिष्ट, कैलाश दुमका, उमेश कबडवाल, हरेंद्र क्वीरा, गोविंद बिष्ट, सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।