चम्पावत विधानसभा # उत्तराखंड के पहले चुनाव में हारी बाजी जीती थी कांग्रेस ने, सिर्फ 21 फीसदी वोट पाकर विधानसभा पहुंचे थे हेमेश खर्कवाल


चम्पावत। आज चम्पावत विधानसभा सीट देश प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि यहां पर हो रहे उप चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रत्यााशी हैं। आज वे नामांकन कराने पहुंच रहे हैं। चम्पावत में चप्पा चप्पा भाजपा वाली स्थिति हो रही है। जहां भी देखें भाजपा के ही झंडे बैनर हैं। भाजपा के तमाम बड़े नेता व मंत्री यहां पहुंचे हुए हैं। उप चुनाव के बहाने यहां हुए पहले विधानसभा चुनाव की भी चर्चा हो रही है। तब कांग्रेस ने एक तरह से हारी हुई बाजी को अंतिम क्षणों में जीता था। तब सर्वाधिक 14 प्रत्याशी मैदान में थे। उत्तराखंड राज्य बनने के सवा साल बाद 14 फरवरी 2002 को हुए चुनाव यहां काफी रोमांचक रहे थे। सीट का नतीजा मतगणना के आखिरी चक्र में आया था। हर चरण में बुरी तरह पिछड़ी कांग्रेस ने आखिरी चरण में जीत हासिल कर इतिहास रचा था।

चम्पावत सीट पर हुए पहले चुनाव में सबसे ज्यादा 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। तब कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा, उक्रांद के अलावा नौ निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चे भरे थे। इन निर्दलियों में कांग्रेस के दो बागी उम्मीदवार भी थे। अंत में विजेता रहे कांग्रेस प्रत्याशी हेमेश खर्कवाल (8380) को टक्कर देने वाले निर्दलीय प्रत्याशी भी तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष मदन सिंह महराना (7985) थे। कुल 14 चरणों तक चली मतगणना में महराना पहले 13 चरणों तक लगातार बढ़त बनाए रहे। आखिरी चरण से पहले तक वे कांग्रेस से 569 मतों से आगे थे। अंत में सिर्फ 2816 मतों की गिनती बाकी थी। 14वें और निर्णायक चरण में महराना सिर्फ 156 वोट ला सके। भाजपा के हयात सिंह माहर को 470, कांग्रेस की एक अन्य बागी प्रत्याशी विमला सजवाण 624 वोट मिले लेकिन इन सबसे ज्यादा 1120 मत लाकर कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने 395 वोटों की निर्णायक बढ़त से चुनाव जीतकर तब सबसे कम उम्र का विधायक होने का भी रिकॉर्ड बनाया था। दूसरे नंबर पर रहे महराना को 7985, तीसरे नंबर पर भाजपा को 7743, निर्दलीय विमला सजवाण 6346 वोट मिले। चंपावत के पहाड़ी क्षेत्र में निर्दलीय महराना का डंका बजा लेकिन मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा ने पहाड़ की हवा निकाल दी।
सिर्फ 21 प्रतिशत वोट मिले थे विजेता को
चम्पावत। चंपावत विधानसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में चंपावत सीट में 70647 मतदाता थे। इनमें से महज 38893 (54.87 प्रतिशत) वोट पड़े। कुल 14 उम्मीदवारों की मौजूदगी में विजयी प्रत्याशी को कुल पड़े वोटों में से सिर्फ 21.54 प्रतिशत (8380) वोट मिले। यह संख्या कुल मतदाताओं के सापेक्ष महज 11.86 प्रतिशत थी।
