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लोहाघाट की भागीरथी फर्त्याल: जुनून से पार्लर तक का प्रेरणादायक सफर

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राज्य सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं व युवाओं को रोजगार के साथ ही उद्यमियों को अवसर देने का काम कर रही है सरकार के इन प्रयासों से लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

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विकासखंड लोहाघाट के डूंगरीफर्त्याल गांव की भागीरथी फर्त्याल जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। एक साधारण ग्रामीण महिला होने के बावजूद, भागीरथी का सपना था एक कुशल और आधुनिक ब्यूटीशियन बनने का। हालांकि आर्थिक तंगी उनके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा थी।

लेकिन उनका यह सपना साकार हुआ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत ग्रामोत्थान परियोजना की सहायता से। इस योजना के तहत उन्हें उद्यम स्थापित करने हेतु कुल एक लाख रुपये की सहायता प्राप्त हुई, जिसमें 30 प्रतिशत यानी 30 हजार रुपये अनुदान के रूप में, 50 हजार रुपये का बैंक ऋण परियोजना के सहयोग से स्वीकृत हुआ तथा 20 हजार रुपये की धनराशि उन्होंने स्वयं अंशदान के रूप में निवेश की।

इस आर्थिक सहयोग से भागीरथी ने आधुनिक ब्यूटी उपकरण जैसे हाइड्राफेशियल मशीन व स्किन क्लीनिंग डिवाइस खरीदीं और अपने ब्यूटी पार्लर को आधुनिक रूप में विकसित किया। उनके इस नवाचार से गांव की महिलाओं को अब घर के पास ही उच्च गुणवत्ता की ब्यूटी सेवाएं मिलने लगी हैं।

आज भागीरथी फर्त्याल प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपये की आमदनी कर रही हैं। उनका ब्यूटी पार्लर न केवल उनके गांव में प्रसिद्ध है, बल्कि आसपास के कई गांवों की महिलाएं भी उनकी सेवाएं लेने पहुँचती हैं। उन्होंने अपने आत्मविश्वास, परिश्रम और लगन से यह सिद्ध कर दिखाया है कि यदि अवसर और दिशा मिले, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बनकर समाज में प्रेरणा बन सकती है।

भागीरथी फर्त्याल का यह सफर बताता है कि कैसे एक आर्थिक रूप से सीमित संसाधनों वाली महिला भी ग्रामोत्थान परियोजना जैसी योजनाओं की सहायता से अपने सपनों को साकार कर सकती है। उनका संघर्ष और सफलता आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक उदाहरण और आशा की किरण बन चुकी है।

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