जन मुद्दों पर सजग रहने के बजाय विपक्ष का सदन मे सोना दुखद: जिलाध्यक्ष गोविन्द सामंत
चम्पावत। भाजपा ने कांग्रेस पर स्वार्थपरक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनमुद्दों पर सजग रहने के बजाय विपक्ष सदन मे सो गया और उसकी निंद्रा नही टूटी। विपक्ष का सड़क से सदन के भीतर जन मुद्दों पर लड़ने की बात भी शिगूफा ही साबित हुआ। भाजपा जिलाध्यक्ष गोविन्द सिंह सामंत ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आपदा के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय विपक्षी नेताओं ने अपने ऊपर लगे मुकद्दमों को लेकर हंगामा किया। वहीं सत्र समाप्ति को उचित बताते हुए कहा, सदन सिर्फ हंगामा करने, नींद लेने और राजनीति के लिए ही नही चलाया नहीं जा सकता है।
जिलाध्यक्ष सामंत ने गैरसैण सत्र में विपक्षी विधायकों द्वारा सदन में की गई तोड़फोड़ और अराजकता की कड़े शब्दों में निंदा की है। कहा है कि आज प्रदेश धराली, पौड़ी आदि अनेकों स्थानों पर आपदा के दंश का सामना कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में शासन प्रशासन जनता के सहयोग से राहत बचाव कार्यों के संचालन और प्रभावितों को मदद पहुंचाने में लगा है। ऐसे में सहयोग के हाथ बढ़ाने के बजाय कांग्रेस पार्टी लगातार नकारात्मक राजनीति कर रही है। उनके नेताओं द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत राशि को लेकर अफवाह फैलाई गई।
उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार द्वारा पहले से ही गैरसैण में मानसून सत्र आहूत किया हुआ था। बेहतर होता कि सत्र के आगाज में त्रासदी से जान गंवाने और किसी भी तरह का नुकसान उठाने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए, विस्तृत चर्चा होती। पक्ष विपक्ष बैठकर आपदा में राहत बचाव कार्यों और भविष्य की योजनाओं को लेकर एक सर्वव्यापी और सर्वसमावेशी मापदंड और नीति तैयार करने पर विचार करते। लेकिन बेहद दुखद और शर्मनाक है कि विपक्षी विधायकों ने असंवेदनशील, गैरजिम्मेदाराना रुख अपनाते हुए सदन की मर्यादाओं को तार तार कर दिया। उसपर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सब उन्होंने किया व्यक्तिगत लाभ और दलगत राजनीति की पूर्ति हेतु।
हैरानी है कि आपदा, विकास, जनहित या अपने क्षेत्र का कोई भी मुद्दा उन्हें सदन में उठाने के लिए महत्वपूर्ण नहीं लगा। वह नैनीताल में उनके वरिष्ठ विधायकों और नेताओं द्वारा फैलाई गई अराजकता पर हुई कानूनी कार्रवाई को लेकर अधिक उगरवृह्वा। सदन को बंधक बनाकर, अपनी अलोकतांत्रिक मांग मनवाने के उनके ऐसे कृत्य को जनता ने एक बार पुनः देखा है। उन्होंने सरकार द्वारा संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए, सदन द्वारा तय कार्यवाही एजेंडे को पूर्ण करने पर खुशी जताई। विपक्ष के तमाम अवरोधों के वावजूद सत्र में अनुपूरक बजट समेत अन्य विधेयकों की मंजूरी के लिए उन्होंने प्रदेशवासियों की तरफ से सीएम धामी का आभार व्यक्त किया। साथ ही सत्र को लेकर विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, सिर्फ हंगामा करने और राजनीति के लिए ही सदन नहीं चलाया जा सकता है। विधानसभा कार्यमंत्रणा समिति द्वारा जो भी सदन का बिजनेस निर्धारित किया गया था उसे पूरा किया गया। ऐसे में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना ही एकमात्र उचित विकल्प था।
उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि विपक्ष का मकसद जनता के मुद्दों को सदन में उठाने से रोकना था। वे नहीं चाहते थे कि धर्मांतरण कानून को अधिक कठोर करने पर चर्चा हो, अवैध मदरसों पर कार्रवाई के विधेयक पर चर्चा न हो और आपदा पीड़ितों और बचाव राहत पर बात न हो।
वहीं सदन की कार्रवाई को लेकर विपक्ष पर व्यंग कसते हुए कहा, कांग्रेस के पास जनहित को लेकर कोई सवाल नहीं थे, इसलिए उनके विधायक सदन में नींद पूरी कर रहे हैं। वहीं आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता यशपाल आर्या तक अपने केस हटाने और अपने निजी फायदे के लिए अपनी भूमिका का दुरुपयोग करते नजर आए। एक कड़वा सच सामने आया है कि कांग्रेस नेता सपनों की दुनिया में बाहर खोए और सदन में सोए रहते हैं। कांग्रेसी विधायकों ने सदन में इस मर्तबा विपक्षी राजनीति का विकृत रूप पेश किया है। दिनभर सदन में हंगामा और तोड़फोड़ और रात में उसी सदन में खर्राटे भरना, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए बेहद शर्मनाक है।
