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IPS अफसर रचिता जुयाल इस्तीफा मामला: रचिता ने कहा- व्यक्तिगत आकांक्षाओं के लिए लिया फैसला, सोशल मीडिया पर उठे सवालों को किया खारिज

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देहरादून। उत्तराखंड कैडर की तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में शामिल रचिता जुयाल ने 10 वर्षों की सेवा के बाद हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे को लेकर पहली बार सार्वजनिक बयान देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय पूरी तरह से व्यक्तिगत कारणों और पारिवारिक चर्चाओं के आधार पर लिया गया है।

एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में रचिता जुयाल ने कहा, ‘मैंने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया। हर किसी की जिंदगी में कुछ योजनाएं होती हैं और मेरी भी कुछ आकांक्षाएं हैं जिन्हें मैं पूरा करना चाहती हूं। यह फैसला मेरे परिवार में काफी समय से चर्चा में था और हमने इसे अपनी सुविधा के आधार पर लिया है।’

देहरादून, उत्तराखंड: सेवा से इस्तीफा देने के बाद, उत्तराखंड-कैडर की आईपीएस अधिकारी रचित जूयल ने कहा, “मैंने हाल ही में 10 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। जीवन में सभी के कुछ लक्ष्य होते हैं, और मेरे पास भी ऐसे आकांक्षाएं हैं जिन्हें मैं आगे बढ़ाना चाहती हूँ। यह निर्णय मेरे परिवार में कुछ समय से चर्चा का विषय रहा है, और हमने इसे अपनी सुविधानुसार लिया है। उत्तराखंड के प्रति मेरा प्यार गहरा है, और मैं राज्य के लिए जिस भी तरीके से हो सके, योगदान देती रहूँगी।”

हालांकि उनके इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कुछ यूज़र्स ने दावा किया कि रचिता जुयाल को विजिलेंस में काम करने के दौरान राजनीतिक और प्रशासनिक दखल का सामना करना पड़ा। वहीं कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाए कि उन्हें लंबे समय तक उचित पोस्टिंग नहीं दी गई।

इन सभी दावों पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिक्रिया देते हुए जुयाल ने कहा कि उनका उत्तराखंड से गहरा जुड़ाव है और वे भविष्य में भी राज्य की सेवा अलग तरीकों से करती रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड के लिए मेरा प्यार मजबूत है और मैं राज्य के लिए हर संभव तरीके से योगदान देना जारी रखूंगी।’

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