कुमाऊं : सात बंदरों को उतारा गया था मौत के घाट, पुलिस ने नौ लोगों को किया गिरफ्तार

काशीपुर। बाजपुर रोड स्थित आम के बाग में बंदरों के शव मिलने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बाग को नुकसान से बचाने के लिए ठेकेदार व रखवाली करने वालों ने ही बंदरों को मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने बंदरों के सात शव बरामद किए थे। सभी नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेला गया है।

शनिवार को जैतपुर घोसी में हुण्डई शो रूम के सामने आम के बाग में आधा दर्जन से अधिक बंदरों के शव बरामद हुए। आसपास के लोगों ने देखरेख करने वालों पर बन्दरों को जहर देकर मारने का आरोप लगाकर हंगामा किया। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक आईटीआई थाना आशुतोष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने आम के बाग में जाकर तलाशी ली। बाग के पूर्वी कोने में आम के पेड़ों व झाड़ियों के नीचे से 07 वन्य जीवों (बंदरों) के शव बरामद हुए। पुलिस ने बंदरों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को राजकीय पशु चिकित्सालय काशीपुर भिजवाया।
पूछताछ में पता चला कि बाग को जान मोहम्मद पुत्र शेर मोहम्मद निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0) व इमामउद्दीन पुत्र सफी अहमद निवासी पचैट थाना शीशमद्र जिला बरेली (उ0प्र0) ने संयुक्त रूप से ठेके पर लिया है। पुलिस ने ठेकेदारों व बाग में काम करने वाले छोटे खां, इमरान, अफजाल, अनवार, इकरार, नदीम व मुबारिक से कठोरता से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि बाग में फलों को नुकसान पहुंचाये जाने से परेशान किये जाने के कारण बंदरों को जहर देकर मारा है। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने (1) जान मौहम्मद पुत्र शेर मौहम्मद निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (2) इमामउद्दीन पुत्र सफी अहमद निवासी चचट थाना शीशगढ़ जिला बरेली (उ0प्र0), (3) छोटे खाँ पुत्र ताहिर खाँ निवासी दुक्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (4) इमरान पुत्र इकरार निवासी दुत्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (5) अफजाल पुत्र नवी हसन निवासी दुल्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (6) अनवार पुत्र हमीद निवासी दुक्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (7) इकरार शाह पुत्र अवरार शाह निवासी दुक्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0), (8) नदीम पुत्र वकील अहमद निवासी दुन्का थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0) व (9) मुबारिक पुत्र जमील अहमद निवासी दुनका थाना शाही जिला बरेली (उ0प्र0) के खिलाफ धारा 295 (क) आईपीसी व 11(ठ) पशु क्रूरता अधिनियम एवं 9/51 वन्य जीव जन्तु संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
