चम्पावत : भूकंप पर आधारित वृहद मॉक ड्रिल का जनपद में हुआ सफल आयोजन
चम्पावत। जिला प्रशासन चम्पावत की ओर से शनिवार को भूकंप की संभावित परिस्थितियों में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, एनएच, यूपीसीएल, पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, राजस्व विभाग, स्थानीय निकायों सहित विभिन्न विभागों की टीमों ने सक्रियता से प्रतिभाग किया।
ड्रिल के दौरान जनपद के आठ विभिन्न स्थलों पर रिक्टर स्केल पर 6.0 तीव्रता (नेपाल देश के समीप केंद्र) के भूकंप के उपरांत उत्पन्न संभावित आपदा परिस्थितियों का अनुकरण किया गया। जिनमें भवन क्षति, सड़क धंसाव, बाढ़, तथा बड़े पैमाने पर जन व पशुहानि, विद्युत आपूर्ति बाधित होना, घायलों का उपचार जैसी स्थितियां शामिल रहीं। सभी स्थानों पर त्वरित प्रतिक्रिया दलों ने सफलतापूर्वक राहत एवं बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया। इस दौरान जनपद के अलग अलग स्थलों पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया तथा हर क्षेत्र हेतु इंसिडेंट कमांडर को तैनात किया गया।

मुख्य घटनास्थलों का संक्षिप्त विवरण
1— जिला चिकित्सालय, चम्पावत।
भूकंप होने के कारण जिला चिकित्सालय का आपातकालीन वार्ड का भवन ध्वस्त होने तथा प्रयोगशाला आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने से लोगों के फंसने की स्थिति का अनुकरण किया गया। अस्पताल परिसर में टेंट आधारित अस्थायी चिकित्सा सुविधा स्थापित कर मरीजों को सुरक्षित निकाले जाने का अभ्यास किया गया।

2— राजकीय इंटर कॉलेज, चम्पावत।
भूकंम्प के कारण विद्यालय के 05-06 कक्षाओं के भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हो गये तथा कुछ विद्यार्थी व स्कूली स्टॉफ भगदड़ होने के कारण कक्षाओं के भीतर फंस गए। त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत बचाव का कार्य किया गया तथा विद्यालयी भवन को खाली किया गया तथा फायर ब्रिगेड, SDRF, SSB द्वारा मलबा हटाने का कार्य किया गया। घायल लोगो को राहत कैम्प में एम्बुलेंस के माध्यम से पहुँचाया गया।

3— पाटन पाटनी (लोहाघाट) चम्पावत
भूकंप के कारण पाटन पाटनी (लोहाघाट) स्थित यूपीसीएल के विद्युत उपकेंद्र में विस्फोट होने के कारण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गयी। कार्यवाही करते हुए विद्युत विभाग द्वारा मुख्य स्विच को बंद किया गया। फायर ब्रिगेड द्वारा आग नियंत्रण व बचाव का कार्य किया गया। SDRF द्वारा राहत बचाव कार्य कर लोगों को स्थान से दूर पहुँचाया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायलों का उपचार किया गया।
4— ग्राम जौलाड़ी, तहसील पाटी।
आवासीय भवन ध्वस्त, मलबे में लोगों के दबने तथा बिजली, पानी व संचार बाधित होने की स्थिति में व्यापक खोज एवं बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। जिसमें फायर, पुलिस, स्वास्थ्य, ITBP, पेयजल तथा अन्य सभी विभागों द्वारा राहत बचाव का कार्य किया गया।

5— मुख्य बाजार क्षेत्र, लोहाघाट
लोहाघाट के मुख्य बाजार क्षेत्र में व्यवसायिक भवनों में दरार आने, शार्ट सर्किट से आग लगने का बचाव अभ्यास किया गया। इसके तहत रेडक्रॉस सोसाइटी, पुलिस, फायर ब्रिगेड, SDRF, ITBP, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत बचाव कार्य किया गया। यातायात पुलिस द्वारा मार्ग खाली व सुरक्षित किया गया।
6— RFC गोदाम बाराकोट
RFC गोदाम बाराकोट की दीवार व छत का हिस्सा ढहने, खाद्यान्न सामग्री को नुकसान से बचाव का अभ्यास किया गया। SDRF, पुलिस, राजस्व विभाग द्वारा शेष खाद्यान्न सामग्री को सुरक्षित किया गया। घायल हुए श्रमिको को राहत बचाव करते हुए राहत कैम्प में पहुंचाया गया।
7— रेलवे स्टेशन, टनकपुर
रेलवे स्टेशन, टनकपुर के मुख्य भवन में दरारें व प्लेटफार्म की सतह उखड़ने का राहत बचाव कार्य किया गया। RPF द्वारा यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया। फायर ब्रिगेड, SDRF, द्वारा राहत बचाव कार्य किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायलों का इलाज किया गया।
8— NHPC बैराज, टनकपुर
डीएलपी (District Level Plan) के अनुसार ऑपरेशन टीम, संचार टीम व सुरक्षा टीम को सक्रिय किया गया। राजस्व, पुलिस, एसडीआरएफ तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत बचाव व उपचार का कार्य किया गया। क्षेत्र के गांवों में लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सचेत किया गया।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन तंत्र की तत्परता एवं विभागीय समन्वय को मजबूत करने की दृष्टि से यह मॉक ड्रिल अत्यंत उपयोगी रही। सभी एजेंसियों ने निर्धारित मापदंडों के अनुसार जिम्मेदारी एवं दक्षता का प्रदर्शन किया है।
इस मॉक ड्रिल से समस्त विभागों के बीच समन्वय एवं संचार प्रणाली का परीक्षण किया गया तथा राहत एवं बचाव उपकरणों की कार्यशीलता की जाँच हुई। सैटेलाइट फ़ोन के माध्यम से हेलीकॉप्टर सेवा की मांग करने, गंभीर घायलों हेतु हेली सेवा की व्यवस्था, बाढ़ की स्थिति में हवाई सेवा के माध्यम से जनपद के मैदानी क्षेत्रों में राशन सप्लाई करने, कनेक्टिविटी बाधित होने पर रेडियो व वायरलेस फोनसेट का अधिक उपयोग, भीड़ प्रबंधन, प्राथमिक उपचार एवं त्वरित चिकित्सा सेवाओं का अभ्यास किया गया।
इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर सामुदायिक सहभागिता एवं जागरूकता बढ़ाने पर जोर देना इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य रहा। अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी द्वारा सचिव आपदा को अवगत कराया गया कि भूकम्प की दृष्टि में जनपद में संसाधनों का अधिक उपयोग आवश्यक है तथा भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिये जनपद की इमारतों को भूकम्प रोधी तकनीक से बनाना आवश्यक है। साथ ही अपर जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि कोली ढेक झील को भी Hazardous मैपिंग में शामिल किया जाना आवश्यक है तथा कनेक्टिविटी बाधित होने पर वन व पुलिस विभाग की संचार तकनीक का अधिक उपयोग करना आवश्यक है।

