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एजेंडे के तहत कार्य कर रहे बामपंथी, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत: भट्ट

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सकरात्मक पहल का स्वागत और राष्ट्र विरोध का कड़ा जवाब देगी देश भक्त जनता

देहरादून। भाजपा ने आपदाग्रस्त जोशीमठ क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ सक्रिय बामपंथी संगठनों से सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि स्थानीय लोगों को भी इससे सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब तक की यह ऐसी पहली सरकार है जो विस्थापन के सर्वश्रेष्ठ विकल्पों के अमल में प्रभावित पक्षों से सुझाव ले रही है, लेकिन हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे लगाने वाले स्थानीय लोगों को भड़काकर राहत पुनर्वास के कामों में बाधा डाल रहे हैं। एक ओर देश का दुश्मन देश चीन भारत के आख़िरी गाँव तक अपने ढांचागत विकास को मजबूत कर रहा है और उसने आसपास पॉवर स्टेशन, सड़कें तथा सामरिक तैयारियां की हैं तो वहीं भारत सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। उतराखंड के इस क्षेत्र की सामरिक लिहाज से बड़ी भूमिका रही है। जिस तरह से वामपंथी इस तरह के कुत्सित प्रयास से इस तरह का वतावरण निर्मित कर रहे हैं वह किसी भी तरह से राष्ट्र विरोधी ही माना जायेगा। उतराखंड ऐसा राज्य है जिसका बलिदानों का इतिहास रहा है और देश हित मे किसी भी सकारात्मक पहल का हिस्सा बनने के साथ ही वह देश के विरोध मे किसी भी मुहिम का कड़ा प्रतिरोध करेंगे।


प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने आंदोलन की आड़ में जोशीमठ आपदा के समाधान में बाधा डालने व विलम्ब करवाने के लिए वामपंथी संगठनों को निशाने पर लिया है। उन्होंने धामी सरकार का आपदा प्रभावितों को पुनर्वास की दृष्टि से 3 विकल्प दिए जाने के निर्णय स्वागत करते हुए कहा कि पीड़ित पक्षों से सुझाव एकत्र कर पुनर्वास की प्रक्रिया में तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। आज हमारे लिए स्थानीय लोगों के व्यवसाय व रोजगार को बचाने के लिए पर्यटन गतिविधियों, वर्तमान शीतकालीन एवं आगामी चारधाम यात्रा को इस संकट से बचाते हुए सुचारू रखना प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में पूरी तरह से जुटा हुआ है। केंद्रीय विशेषज्ञ एजेंसियां रिपोर्ट तैयार कर रही हैं और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, लिहाज़ा किसी को चिंता करने की जरूरत नही है ।
भट्ट ने उन आरोपों को बेबुनियाद बताया जिसमें कहा गया कि उनके द्वारा किसी स्थानीय निवासी को आंदोलन से रोकने का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन वह लोगों को उन वामपंथी विचारधारा वाले संगठनों से सचेत करना चाहते हैं, जिनकी अभिरुचि राहत और पीड़ितों के पुनर्वास मे कम और अपना एजेंडा साधना अधिक है। राज्य के बाहर दिल्ली, मुम्बई, जेएनयू से जोशीमठ आये कम्युनिस्ट संगठनों के लोगों का एकमात्र लक्ष्य है, स्थानीय लोगों को बरगलाकर आंदोलनों के माध्यम से आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास नीति व अन्य राहत के कार्यों को बाधित करना। उन्होंने कहा कि तमाम ताकतें नहीं चाह्तीं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के काम हो और हमारी सामरिक ताकत मजबूत हो। लोगों के दिल में चीन संघर्ष के दौरान किये इनके राष्ट्र विरोधी कारनामे आज भी मौजूद हैंं, लिहाज़ा देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता इनके छलावे में नहीं आने वाली है।

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