उत्तराखण्ड

खटीमा में पीलीभीत रोड पर भरभराकर गिरा निर्माणाधीन दुकान का लेंटर, दो लोग दबे

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खटीमा में पीलीभीत रोड पर निर्माणाधीन दुकान का लेंटर गिरने से सेटरिंग ठेकेदार समेत दो लोग दब गए जिससे वहां अफरातफरी मच गई। प्रशासन की टीम ने बमुश्किल क्रेन के माध्यम से लेंटर में दबे दोनों युवकों को सुरक्षित निकालकर उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया।
पीलीभीत रोड पर हनुमान मंदिर के सामने ललित जोशी की निर्माणाधीन दुकान में लेंटर डाला जा रहा था। दुकान में पूरा लेंटर पड़ चुका था। देर शाम साढ़े पांच बजे लेंटर पड़ने के बाद सेटरिंग ठेकेदार मनोज कुमार अपने दो अन्य साथियों के साथ निर्माणाधीन दुकान में सेटरिंग देखने के लिए अंदर गए। इसी बीच अचानक लेंटर नीचे गिर गया। इस बीच अमित अंदर से बाहर निकल गया। लेंटर के मलबे में मनोज कुमार व शोभित दब गए। इससे वहां अफरातफरी मच गई।
निर्माणाधीन दुकान में काम कर रहे मजदूरों के शोरशराबा करने पर वहां भीड़ एकत्रित हो गई और राहत में जुट गए। घटना की सूचना पर एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट, सीओ बीएस भंडारी, एसएसआई देवेंद्र गौरव, बाजार चौकी प्रभारी होशियार सिंह एवं दमकल विभाग की टीम फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। प्रशासन की ओर से क्रेन एवं जेसीबी को भी मौके पर बुला लिया गया। पुलिस, दमकल टीम एवं निर्माणाधीन दुकान में काम कर रहे मिस्त्रीए मजदूरों ने बमुश्किल घायल मनोज को बाहर निकाल कर आपातकालीन सेवा 108 से उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। दूसरे युवक के मलवे में दबे होने पर प्रशासन ने क्रेन की मदद से बमुश्किल शोभित को बाहर निकाला।
दोनों युवकों के सुरक्षित बाहर निकलने पर प्रशासन एवं परिजनों ने राहत की सांस ली। घायल शोभित को भी उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। डॉक्टर केसी पंत ने बताया कि दोनों घायलों का इलाज किया जा रहा है और हालत खतरे से बाहर है। घायल सेटरिंग ठेकेदार मनोज ने बताया कि बारिश के चलते मिट्टी के धंसने के चलते सेटरिंग नीचे आ गईए इससे लेंटर नीचे गिर गया। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए दमकल अधिकारी वंश बहादुर यादव, व्यापारी नेता गौरीशंकर अग्रवाल, रमेश जोशी रामू, रवीश भटनागर, किशन पाल, मो. अकरम, रामबाबू अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोग बचाव कार्य में जुटे रहे। उधर, इस हादसे की वजह से रोड पर जाम की स्थिति बनी रही। वहीं सूचना पर विधायक भुवन कापड़ी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया। उन्होंने मलबे में दबे युवकों के परिजनों से मिलकर हालचाल जाना। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद सबसे पहले मलबे में दबे मनोज को बाहर निकाला। मलबे में दबे शोभित को क्रेन की मदद से एसडीआरएफ की टीम ने लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया।

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