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खटीमा के बहुचर्चित सूरज चंद हत्याकांड मामले में छह दोषियों को उम्रकैद, जानें क्या था पूरा मामला

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खटीमा। वर्ष 2016 में हुए प्रॉपर्टी डीलर सूरज हत्याकांड मामले में अपर सेशन न्यायाधीश मंजु सिंह मुंडे ने महिला समेत छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी दोषियों को 36 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

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फाइल फोटो

मूल रूप से बनबसा व हाल निवासी खटीमा मंजू देवी पत्नी सूरज चंद ने कोतवाली में 4 जुलाई 2016 को अपने पति की एक दिन पहले घर से गायब होने की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बाद 8 जुलाई 2016 को उनके पति का शव ग्राम खेलतसंडा मुस्ताजर निवासी सुरेश राणा के गटर से बरामद हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने 3 अक्तूबर 2016 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए। शासकीय अधिवक्ता सौरभ ओझा ने 22 गवाहों को पेश किया। जिसमें तत्कालीन एसडीएम ऋचा सिंह समेत मोबाइल कंपनी के अधिकारियों की भी गवाही हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश मंजु सिंह मुंडे ने बिगराबाग निवासी पप्पू सिंह राणा, खेतलसंडा मुस्ताजर के सुरेश राणा, ओमकारेश्वर शिव मंदिर निवासी हरेंद्र चौहान, छिनकी फार्म के ईश्वरी सिंह, दियूरी गांव की मुन्नी देवी और उसके बेटे जीवन सिंह को धारा 302, 364ए, 342,201, 120बी और धारा 34 में दोषसिद्ध करार दिया। जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 36 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

शव को आंगन के गटर में डाला और नमक के कट्टों से ढक दिया

वर्ष 2016 के जुलाई माह में खटीमा के प्रॉपर्टी डीलर सूरज चंद का अपहरण कर नृशंस हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बचने के लिए आरोपियों ने उसका शव चकरपुर के पास खेतलखंडा मुस्ताजर गांव में एक आरोपी के आंगन में बने गटर में छिपा दिया गया था। शव को गलाने के ऊपर नमक के कट्टे डाले गए। पहली बार हुए इस तरह के निर्मम हत्याकांड से पूरा खटीमा हिल गया था।
प्रॉपर्टी डीलिंग के अलावा लोगों को ब्याज पर पैसा देने वाला 45 वर्षीय सूरज चंद का घर बनबसा (चत्पावत) में था, लेकिन वह कुछ सालों से खटीमा में मकान बनवाकर रह रहा था। बताया जाता है कि ब्याज का पैसा देने के कारण ही उसका पहचान प्रॉपर्टी डीलर ललित ज्याला से हुई थी। वह ज्याला को भी ब्याज पर पैसे देता था जिससे दोनों में दोस्ती हो गई, लेकिन जब लेनदेन बढ़ने लगा तो दोस्ती दुश्मनी में बदलने लगी। ज्याला ने जमीन के धंधे में खटीमा के सैकड़ों फौजी परिवारों और आम जनता को खूब ठगा था। बाद में ज्याला में इसी दुश्मनी के चलते सूरज चंद को अपनी जान गंवानी पड़ी। शातिर अपराधियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए सूरज की स्कूटी को इस्लाम नगर में रखवा दी, लेकिन पुलिस की सतर्कता में शातिर अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब न हो सके। आखिर करीब एक सप्ताह की मशक्कत के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

फाइल फोटो

क्राइम पेट्रोल में होना था प्रसारण
सूरज चंद के भाई चंद्रप्रकाश ठाकुर फिल्म अभिनेता है। सोनी चैनल के मशहूर क्राइम पेट्रोल धारावाहिक में इंस्पेक्टर की भूमिका निभाकर वह काफी प्रसिद्ध हुए हैं। अपने की मौत के खुलासे की मांग को लेकर कई महीने तक खटीमा में रहे। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि अपने भाई की हत्याकांड का सच सामने लाने के लिए इस घटना का धारावाहिक के रूप में क्राइम पेट्रोल में प्रसारण करेंगे। हालांकि बाद में इसका प्रसारण हुआ या नहीं इसकी सटीक जानकारी नहीं है।

मुख्य आरोपी ललित के गुजरात में फांसी लगाने की खबर आई थी
बहुचर्चित सूरज हत्याकांड के मुख्य आरोपी ललित ज्याला की दो वर्ष पहले गुजरात में आत्महत्या करने की खबर आई थी। वह किसी होटल में नाम बदलकर रहा था। इसकी आईडी की फोटो से उसकी शिनाख्त हो सकी थी लेकिन ललित ज्याला के पूर्व के कारनामों को देखते हुए पुलिस को पहले उसकी आत्महत्या पर विश्वास नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर उसकी फोटो वायरल हुई थी। तब वह जमानत में आकर छह महीनों से फरार चल रहा था।

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