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लोहाघाट : वन निगम का ठेकेदार बन काटे थे देवदार के आठ पेड़! चालक को बेवजह फंसाने का आरोप

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चम्पावत। लोहाघाट में पिछले दिनों सामने आए देवदार के आठ पेड़ों को सरेआम काटने के चर्चित मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए चालक के पिता ने कहा है कि पेड़ काटने वाले वन निगम के ठेकेदार बन कर आए थे। उन्होंने तो केवल उनके अनुरोध पर मशीन रखने के लिए जगह दी थी। उन्होंने कहा है कि उनके पुत्र को मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है। उधर, वन ​विभाग व पुलिस फिलहाल मामले के मुख्य सूत्रधार तक पहुंचने में नाकाम साबित हुई है।

पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए चालक तरुण जोशी के पिता परमानंद जोशी ने बताया है कि पेड़ काटने के मामले में उनके बेटे का कोई हाथ नहीं है। पुलिस के द्वारा उसे बेवजह फंसा दिया गया है। पुलिस मामले के सूत्रधारों पर हाथ तक नहीं डाल रही है। जोशी ने बताया है कि जिन लोगों ने लकड़ी काटी थी, वह लोग अपने को वन निगम का ठेकेदार बताकर क्षेत्र में आए थे। जिनमें से सामंत नामक एक व्यक्ति ने कहा था कि यह पेड़ मंजूर हुए हैं, जिन्हें उनके द्वारा काटा जा रहा है। इसके बाद पेड़ काटने वाले मजदूरों ने मशीन के द्वारा पेड़ काटने शुरू कर दिए गए। इन लोगों पर क्षेत्र के लोगों को किसी भी प्रकार का शक नहीं हुआ, क्योंकि पहले भी वन निगम के द्वारा इस क्षेत्र से पेड़ काटे गए हैं।

जोशी ने बताया है कि उनके द्वारा भी पेड़ काटने की अर्जी संबंधित विभाग में कुछ वर्ष पूर्व लगाई गई थी। उन्होंने कहा इन लोगों के द्वारा अपनी मशीन रखने के लिए उनसे गौशाला मांगी गई, जो उन्होंने दे दी। उन्होंने कहा लगभग चार-पांच दिन इन लोगों के द्वारा पेड़ काटकर वहीं पर चीरे गए। उन्होंने कहा घटना के दिन वह और उनका बेटा अपनी ड्यूटी में चले गए थे। घर पर सिर्फ उनकी बहु थी। मौका देखकर इन लोगों के द्वारा लकड़ी उनकी गौशाला में रख दी गई। जिसके बाद प्रशासन की टीम ने मौके पर छापा मारा और अब पुलिस ने मामले के मुख्य सूत्रधार का पता लगाना छोड़ उनके बेटे को आरोपी बना दिया है। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच कर पेड़ काटने वाले मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार करने की मांग की है।

गौरतलब है कि क्षेत्र में देवदार के पेड़ काटने का मामला काफी चर्चा में है। कई जनप्रतिनिधियों ने मामले के मुख्य सूत्रधारों को न पकड़े जाने पर आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है। अधिकारियों पर भी मिली भगत के आरोप जनता लगाए जा रहे हैं। हालांकि लोहाघाट पुलिस ने तरुण जोशी के घर से लकड़ी बरामद होने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब देखना होगा कि मामले के मुख्य साजिशकर्ता तक पुलिस के हाथ कब तक पहुंच पाते हैं। वन विभाग भी इस मामले में किसी तरह की कार्यवाही करता हुआ नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि मामले में चालक को तरुण को बेवजह फंसाया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि पेड़ काटने वाले तस्करों ने तीन/चार पिकअप लकड़ी पहले ही ठिकाने लगाई जा चुकी है। अब देखना होगा कि पुलिस और वन विभाग सरेआम पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे से एक नहीं आठ आठ पेड़ काटने के सूत्रधारों तक पहुंच पाती है या नहीं…