मकान मालिक के रेप से गर्भवती हुई थी नाबालिग किशोरी, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा
मकान मालिक ने नाबालिग किशोरी को चॉकलेट देकर फुसलाया था, कई बार किशोरी का शारीरिक शोषण किया, पीड़ित का हुआ था गर्भपात
देहरादून। अपर जिला एवं सेशन जज पॉक्सो पंकज तोमर की अदालत ने 13 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपी मकान मालिक को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 55 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें से डेढ़ लाख रुपए पीड़िता को प्रतिकार के रूप में दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि कि प्रेमनगर थाने में साल 2021 में एक शिकायत दर्ज हुई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनकी 13 वर्षीय भतीजी बाथरूम में चिल्लाते हुए बेहोश हो गई थी। उसकी बुआ बाथरूम में गई, तो देखा कि किशोरी खून से लथपथ है। उसका अबॉर्शन हुआ था। परिजनों द्वारा किशोरी को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। किशोरी का कई दिनों तक इलाज चला।
बताया गया कि किशोरी के गर्भवती होने की उनके परिवार को कोई भी जानकारी नहीं थी। जब परिजनों द्वारा किशोरी से पूछा गया तो उसने बताया कि उसके साथ मकान मालिक ने दुष्कर्म किया है। साथ ही बताया कि उसके पिता दिव्यांग हैं और एक होटल में नौकरी करते हैं। मई 2021 को किशोरी की मां गर्भवती थी और छत पर कपड़े सुखाने के लिए बेटी को अपने साथ ले जाती थी।
किशोरी ने बताया कि एक दिन वह अकेली छत पर गई, तो वहां पहले से मौजूद मकान मालिक पंकज बिष्ट ने पहले किशोरी को चॉकलेट दी। उसके बाद उसके साथ गलत हरकते करने लगा। जब किशोरी ने विरोध किया तो आरोपी युवक ने उसे और उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। किशोरी ने बताया कि इसके बाद मकान मालिक ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। घटना के बाद किशोरी कुछ महीने बाद अपनी बुआ के घर रहने चली गई। इस दौरान वह गर्भवती हो गई और उसका अबॉर्शन हो गया। थाना प्रेमनगर पुलिस ने आरोपी पंकज बिष्ट को अरेस्ट किया और कुछ दिनों बाद चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी।
अभियोजन पक्ष से अल्पना थापा ने बताया है कि अपर जिला एवं सेशन जज पॉक्सो की अदालत में दोनों पक्षों को सुना गया। इस दौरान किशोरी के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पंकज बिष्ट को दोषी पाते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख 55 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें से डेढ़ लाख रुपए पीड़िता को प्रतिकार के रूप में दिए जाएंगे। अर्थदंड नहीं भुगतने पर दोषी को 06 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा होगी।