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उत्तराखंड में इन 45 पदों के लिए 6000 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा, हजारों ने बनाई दूरी

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देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSC) ने 45 रिक्त पदों पर लिखित परीक्षा आहूत करवाई। जिसमें 6,000 से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे और सहकारी निरीक्षक वर्ग 2 और सहायक विकास अधिकारी पद के लिए परीक्षा दी। इस दौरान परीक्षा केंद्रों पर पिछली परीक्षाओं के मुकाबले ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था रखी गई।

उत्तराखंड में सहकारी निरीक्षक वर्ग दो और सहायक विकास अधिकारी पद के लिए आवेदन भरने वाले हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा नहीं दी। हालांकि, प्रवेश पत्र डाउनलोड करने वाले अभ्यर्थियों में करीब 75 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्रों में पहुंचकर परीक्षा दी है। खास बात ये है कि इस बार अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर आयोग की ज्यादा सख्ती देखने को मिली।

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कराई गई पिछली परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आया था। जिसके चलते इस बार आयोग ने ज्यादा चौकसी बरती। परीक्षा केंद्रों पर एक दिन पहले ही तमाम टीमें पहुंच गई थी। जिसने पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए व्यवस्थाओं को भी जांचा।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 11 अप्रैल 2025 को विज्ञापन जारी किया। सहकारी निरीक्षक वर्ग 2, सहायक विकास अधिकारी के कुल 45 रिक्त पदों के लिए लिखित परीक्षा रविवार यानी 16 नवंबर को शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गई। परीक्षा दो जिलों देहरादून और नैनीताल के कुल 26 केंद्रों में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित हुई।

आयोग के मुताबिक, इस परीक्षा के लिए कुल 13,079 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 8,651 अभ्यर्थियों ने प्रवेश-पत्र डाउनलोड किए। जबकि, कुल 6,505 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। इस लिहाज से परीक्षा में उपस्थिति प्रतिशत 75.19 फीसदी रहा, जो आयोग के लिए संतोषजनक माना जा रहा है।

वहीं, परीक्षा को पारदर्शी, निष्पक्ष और नकल मुक्त तरीके से संपन्न कराने के लिए आयोग व जिला प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश द्वार से ही अभ्यर्थियों की पुलिस की ओर से कड़ी तलाशी की गई। केंद्रों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रखते हुए अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। हर कमरे में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, शौचालयों में भी जैमर सिस्टम की व्यवस्था और केंद्रों की सुरक्षा ऑडिट पहले ही कर ली गई थी।

परीक्षा से एक दिन पूर्व सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की ओर से केंद्रों का मॉक ड्रिल किया गया। निरीक्षकों को विस्तृत दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए गए थे। प्रश्नपत्रों को पुलिस सुरक्षा में स्ट्रॉन्ग रूम से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया गया। उत्तर पुस्तिकाओं को भी कड़ी सुरक्षा के बीच जिला मुख्यालय तक लाया गया, जहां उन्हें आयोग के निर्देशानुसार जमा किया गया।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में जिला प्रशासन, केंद्र अधीक्षकों, पुलिस, होमगार्ड, विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही आयोग ने आगे भी इसी तरह सहयोग की अपेक्षा जताई है।

‘सभी परीक्षा प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सुचारू तरीके से लागू किया गया है। भविष्य में भी परीक्षाओं को पूरी सुरक्षा व निष्पक्षता के साथ आयोजित किया जाएगा।’ – शिव कुमार बरनवाल, सचिव, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग