उत्तराखंड की बेटी शीतल का नया रिकॉर्ड: चोट लगने के बाद भी नहीं मानी हार, 19,914 फीट की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा

स्कीइंग प्रतियोगिता के दौरान घुटने में चोट लगने से दो साल से बर्फ से दूर रही उत्तराखंड की बेटी शीतल ने एक बार फिर वापसी करते हुए 19,914 फीट ऊंची माउंट यूटी कांगड़ी की चोटी फतह कर ली है। तेनजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित शीतल की कोशिश अब 8000 मीटर की ऊंचाई वाले छह पर्वत चोटियों पर तिरंगा फहराने की है।

पिथौरागढ़ के सिल्मोरा निवासी शीतल 2022 में गुलमर्ग में स्कीइंग प्रतियोगिता के दौरान गिरने से चोटिल हो गई थीं। इसमें उनका लिगामेंट फ्रैक्चर हो गया था, जिसके बाद शीतल का मिशन अधूरा छूटने लगा था। मगर उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट में थल विशेषज्ञ के रूप में तैनात शीतल ने हार नहीं मानी और करीब छह महीने पहले दूसरे ऑपरेशन के बाद चलने की कोशिश शुरू की। धीरे-धीरे शीतल का आत्मविश्वास बढ़ता गया। उन्होंने माउंट यूटी कांगड़ी की चढ़ाई करने की तैयारी की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शीतल ने बताया कि फिट होने के बाद 22 जनवरी को उन्होंने मिशन की शुरुआत की। 23 जनवरी को वह लद्दाख के अंतिम गांव रुमसे के लिए निकलीं और 24 जनवरी को रुमसे में थी। इसके बाद वह 4900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट यूटी कांगड़ी के बेस कैंप पहुंचीं। 29 जनवरी की सुबह मौसम खराब होने के बावजूद सुबह साढ़े 6 बजे शीतल ने चढ़ाई शुरू की। करीब सात घंटे की चढ़ाई के बाद दोपहर डेढ़ बजे वह पहाड़ की चोटी पर पहुंच गईं। करीब आधा घंटा रहने के बाद बेस कैंप में शाम साढ़े 5 बजे लौटीं।
चोट से लगा जैसे सबकुछ खत्म हो गया
शीतल ने बताया कि 2022 में स्कीइंग प्रतियोगिता के दौरान उनका लिगामेंट फ्रैक्चर हो गया था। लिगामेंट ऑपरेशन के बाद उनको लगा जैसे सब कुछ खत्म हो गया। पहाड़ों को देखकर सोचने लगी थीं कि अब शायद कभी इनकी ओर जा नहीं सकूंगी। मगर पहाड़ से प्यार कभी कम नहीं हुआ। फिल्म 12वीं फेल को देखने के बाद फिर से मन में कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ और तैयारी शुरु की।
माउंट एवरेस्ट सहित अन्य चोटियां पर पा चुकी हैं फतह
साहसिक खेल के सबसे बड़े पुरस्कार तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित शीतल दुनिया की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं, जिन्होंने माउंट कंचनजंघा, ऐवरेस्ट, अन्नपूर्णा माउंट चीपीदंग पर फतह हासिल की है। शीतल ने खेलो इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता है। अब उनकी कोशिश इस वर्ष माउंट धौलागिरी और चीन में स्थित माउंट चोयू के आरोहण की है।

