आठ दिन से बंद पड़ा है एनएच, चम्पावत की बाजार में पसरा है सन्नाटा


चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही में सबसे बड़ा रोड़ा बना स्वांला के भूस्खलन क्षेत्र से मलबा कब साफ होगा? आजकल यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। किसी के पास भी इसका सटीक जवाब नहीं है। अब पहली सितंबर को मुख्यमंत्री के टनकपुर के संभावित दौरे से पहले भी यह सड़क खुलेगी, इस पर संशय बना हुआ है। अगर सड़क नहीं खुलती है तो डीएम, एसपी व अन्य अधिकारियों को टनकपुर जाने के लिए रीठासाहिब सूखीढांग या फिर देवीधूरा से हल्द्वानी का रास्ता पकड़ना होगा। हालांकि सड़क खोलने के लिए स्वांला के भूस्खलन वाले क्षेत्र में कार्यदायी संस्था और मशीनें लगातार काम कर रही हैं। रविवार को डीएम विनीत तोमर, एसपी लोकेश्वर सिंह, एडीएम एससी द्विवेदी ने स्वांला जाकर तेजी से काम कर सड़क खोलने के निर्देश देने के साथ भूस्खलन वाले क्षेत्र का जायजा भी लिया। एनएच पर टनकपुर-चम्पावत के बीच सड़क संपर्क कटे हुए पूरा एक सप्ताह हो गया है। रविवार को आपदा, पुलिस, आईटीबीपी, जल संस्थान की टीमों ने भी वेग से पानी की बौछारों के साथ मलबे को हटाने की मशक्कत की, लेकिन दिनभर में मलबा साफ नहीं हो सका। रविवार सुबह धुंध और बारिश थी, लेकिन बाद में मौसम ठीक होने से काम की गति बढ़ी। एनएच खंड के ईई एलडी मथेला ने बताया कि 25 मीटर मलबा हटाया जा चुका है, अब करीब 10 मीटर मलबा हटाया जाना है। दावा किया गया कि अगर पहाड़ी से फिर से भूस्खलन न हुआ तो सोमवार शाम तक सड़क खुल जाएगी। इस कारण चम्पावत-टनकपुर के बीच आवाजाही अब भी रीठा साहिब-सूखीढांग से व हल्द्वानी जाने के लिए देवीधुरा होकर हो रही है।

पर्व के मौके पर भी सन्नाटा, कारोबार को झटका
चम्पावत। रक्षाबंधन के एक दिन बाद 23 अगस्त सुबह आठ बजे से बंद सड़क से कारोबार को झटका लगा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी चहलपहल और उल्लास में इसका असर पड़ा है। आवाजाही थमने से खाने के होटल, मिठाई की दुकान, टैक्सी-जीप संचालक, किराना से लेकर सब्जी के कारोबार में 60 प्रतिशत तक की कमी आई है।


