अब ‘खूनी’ नहीं कहलाएगा पिथौरागढ़ का ये गांव, देवी के नाम से मिली नई पहचान
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक गांव के नाम से वहां के लोग इतने परेशान हो गए कि उन्होंने सरकार से इसका नाम बदलने की ही दरख्वास्त कर दी। सालों चली प्रक्रिया के बाद अब इस गांव का नाम बदल दिया गया है। गांव का नाम बदलने की अधिसूचना से गांव के लोग काफी खुश हैं।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर विकास खंड विण की ग्राम पंचायत का नाम ‘खूनी’ था। गांव के इस नाम से ग्रामीण असहज थे। गांव का नाम लिखने और पढ़ने में आए दिन ग्रामीण असहजता महसूस करते थे। पिछले एक दशक से लगातार ग्रामीण इस गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। अब जाकर ग्रामीणों की मांग पूरी हो गई है और ये गांव अब देवीग्राम के नाम से बुलाया जाएगा।
इसके लिए ओएनजीसी (Oil and Natural Gas Corporation) के पूर्व महाप्रबंधक ललित मोहन जोशी भी लगातार सरकार से पत्राचार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से व्यक्तिगत मुलाकात कर रहे थे। ललित मोहन जोशी ने बताया कि गांव का नाम बदलने के लिए लगातार सरकार से पत्र व्यवहार किया जा रहा था। गांव से इसका नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव भी भेजा गया था। इस गांव में मां मलिकेशरी भगवती का प्रसिद्ध मंदिर है। आखिरकार तमाम प्रक्रियाओं, चिट्ठी पत्रियों के बाद सरकार ने गांव का नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। इससे हम लोग काफी खुश हैं. हम एक विशेष दिन पर गांव के नाम बदलने की खुशी में कार्यक्रम करेंगे। उस कार्यक्रम में हम चाहेंगे कि सीएम धामी खुद मौजूद रहें।
वहीं नव निर्वाचित ग्राम प्रधान इंद्रा जोशी ने बताया कि गांव का नाम बदलकर देवीग्राम होने से हम सब ग्रामीणों में खुशी है। हमारी दशकों पुरानी मांग आज सरकार ने पूरी कर दी है। वर्तमान में गांव में 60 परिवार रहते हैं। गांव की जनसंख्या लगभग 380 है। ग्रामीण गांव का नाम खूनी पड़ने की कई कहानियां बताते हैं। एक ग्रामीण के अनुसार उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना कि आजादी से पहले एक बार गांव में अंग्रेज आए थे। गांव वालों की उनसे लड़ाई हुई। गांव वालों ने अंग्रेजों को मार दिया। तब से गांव का नाम खूनी पड़ गया। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना कि उनके गांव का नाम पर खोली था। अंग्रेज इस शब्द को ठीक से बोल नहीं पाए। उन्होंने इसका उच्चारण खूनी कर कर दिया। तब से गांव का नाम खूनी चलता आ रहा था।

