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देहरादून के खलंगा में अब नहीं कटेंगे दो हजार पेड़, पर्यावरण प्रेमियों के चेहरे खिले

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देहरादून। राजधानी में इन दिनों दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव खूब चर्चाओं में है। यहां सड़क चौड़ीकरण के लिए 244 ऐसे वृक्षों का चिन्हीकरण किया गया है जिनको काटे जाने की जरूरत है। इसके विरोध में शहर के कई पर्यावरण प्रेमी उतर आये हैं। उन्होंने अब इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने का भी फैसला कर लिया है। पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी इस चिंता के बीच देहरादून से ही एक अच्छी खबर भी सामने आई है। यह खबर खलंगा के जंगल को लेकर है। जिसके लिए पूर्व में कई पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जाहिर की थी।

देहरादून की प्यास बुझाने के लिए सौंग डैम से पानी लिफ्ट करने की योजना पिछले समय में काफी चर्चाओं में थी। तमाम पर्यावरण प्रेमी इस परियोजना के खिलाफ खड़े हो गये थे। इसके पीछे की वजह यह थी कि इस प्रोजेक्ट को जिस जगह पर तैयार करने का प्लान किया जा रहा था, वहां बांज के सैकड़ो पेड़ मौजूद थे। माना जा रहा था कि करीब 2000 पेड़ों को इस प्रोजेक्ट के लिए काटा जाएगा। अच्छी खबर यह है कि अब इस प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित जगह को बदलने का फैसला ले लिया गया है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों के विरोध के बाद सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने इस प्रोजेक्ट के लिए दूसरी जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए। अब देहरादून में कनार काटन गांव के ऊपर की जगह को चिन्हित किया गया है। बताया गया है कि क्षेत्र में वन भूमि का हस्तांतरण जल्द किया जाएगा। उसके चलते अब खलंगा के जंगल कटने से बच जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वन विभाग में कंजर्वेशन ऑफ फॉरेस्ट यमुना कहकशां नसीम ने इसकी पुष्टि की है।

एक तरफ खलंगा के जंगलों को बचाने में पर्यावरण प्रेमी सफल रहे हैं तो दूसरी तरफ अब अगली लड़ाई दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के कारण कटने वाले 244 पेड़ों को लेकर है। देहरादून वासी पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पेड़ों को काटे बिना सड़क चौड़ीकरण के निर्देश दिए हैं, लेकिन, हकीकत यह है कि बिना पेड़ों के काटे इस सड़क का चौड़ीकरण किया ही नहीं जा सकता है। दूसरी तरफ कैंटोनमेंट बोर्ड की तरफ से भी अभी सड़क चौड़ीकरण को लेकर सभी औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया जा सका है। ऐसे में आधे मार्ग तक ही वृक्षों को चिन्हित करना भी कई सवाल कर रहा है।