UKSSSC भर्ती घोटाले में घर पर अफसरों ने जांची ओएमआर शीट, एसटीएफ जांच में खुले कई राज
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-यूकेएसएसएससी (UKSSSC) के भर्ती घपले में आरोपी पूर्व अध्यक्ष, सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ एसटीएफ ने चार्जशीट तैयार कर ली है। इसे कोर्ट भेजने के लिए शासन से अनुमति ली जा रही है। एसटीएफ के अफसर इसकी फाइल लेकर बुधवार को शासन पहुंचे। शासन से हरी झंडी मिलते ही एसटीएफ इस चार्जशीट को कोर्ट भेजेगी।
यूकेएसएसएससी ने छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी यानी वीपीडीओ की भर्ती परीक्षा करवाई थी। तब 236 केंद्रों पर 87,196 युवाओं ने परीक्षा दी थी। इसका परिणाम 30 मार्च 2016 को घोषित किया गया, लेकिन धांधली की शिकायत पर वर्ष 2017 को शासन ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर परिणाम निरस्त किया गया। वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशों के अनुसार विजिलेंस को जांच दी गई। एक साल बाद 2020 को विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया, पर वह दो साल की जांच में एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई।
इस पूरे प्रकरण की जांच बीते अगस्त को एसटीएफ को सौंप दी गई। इसके बाद ही आठ अक्तूबर को चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर, एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, जांच टीम ने तीनों आरोपियों के खिलाफ तथ्यों को जुटाकर चार्जशीट तैयार की है। इसके लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। उन्होंने बताया, यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अनुमति मिलते ही चार्जशीट कोर्ट भेज दी जाएगी।
वीपीडीओ मामले में 12 के नाम जुड़े
एसटीएफ इस मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाकर कोर्ट से रिमांड ले चुकी है। मुकेश कुमार चौहान और मुकेश शर्मा के खिलाफ चार्जशीट भेजी जा चुकी है। अब तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ भी चार्जशीट तैयार कर ली गई है। अफसर विभिन्न अनुभागों के चक्कर लगा रहे हैं। बताया जा रहा कि इसी सप्ताह अनुमति मिल जाएगी।
घर पर जांची गई थी ओएमआर शीट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि भर्ती परीक्षा में धांधली हुई। कन्याल का मकान किराये पर लेकर वहां अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट जांची गई। इन्हें जांचने के दौरान हुई धांधली भी एसटीएफ ने पकड़ी। ओएमआर में छेड़छाड़ की पुष्टि एसएफएल रिपोर्ट के आधार पर कराई गई है।