क्राइमदेहरादून

ओएनजीसी के अधिकारी और पत्नी ने रचा षड्यंत्र, युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर हड़पे साढ़े आठ लाख रुपये

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ओएनजीसी के एक अधिकारी और उसकी पत्नी पर एक युवक से एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपये हड़पने का आरोप है। आरोपियों ने पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र देने के साथ ही कुछ दिन तक ट्रेनिंग भी करवाई। जब पीड़ित युवक नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित विभाग पहुंचा तो पता चला कि उसके साथ ठगी की गई है। शिकायत मिलने पर कैंट पुलिस ने पति.पत्नी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कैंट थाना प्रभारी संपूर्णानंद गैरोला ने बताया कि टपकेश्वर कॉलोनी गढ़ी कैंट के रहने वाले नितीश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है। बताया कि उनके मामा की परिचित भारती अधिकारी नाम की महिला से उनकी मुलाकात हुई। भारती अधिकारी ने अपने पति शोमिंद्र अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि वह ओएनजीसी जोधपुर में कार्यरत हैं। उन्होंने कई व्यक्तियों की सरकारी नौकरी लगाई है। महिला ने कई लोगों के नियुक्ति पत्र भी अपने फोन पर दिखाए, जिससे नितीश उसके झांसे में आ गए।

दिल्ली पहुंचने पर आया सच सामने: भारती और शोमिंद्र ने जो दस्तावेज मांगे वह नितीश ने दे दिए। आरोपियों ने नियुक्ति के लिए सिक्योरिटी और ट्रेनिंग के नाम पर ढाई लाख रुपये अपनी बेटी शैफाली के बैंक खाते में जमा करवाए। वहीं, छह लाख रुपये नकद लेने के बाद भारती ने नियुक्ति पत्र और एक पहचान पत्र दिया और कहा कि उसकी नौकरी लग गई है। ट्रेनिंग के लिए दिल्ली जाना होगा। पीड़ित ने बताया कि नियुक्ति पत्र लेकर वह भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) दिल्ली गया तो पता चला कि वहां कोई नियुक्ति नहीं हुई है।

सात और लोगों को बनाया ठगी का शिकार: जब नितीश ने नियुक्ति के बारे में शोमिंद्र और भारती से पूछा तो बताया कि पहले ट्रेनिंग मुंबई में होगी। जहां उन्हें अनिल भट्ट निवासी कैनाल रोड देहरादून और नेमी भट्ट निवासी राजपुर रोड मिलेंगे। इसके बाद वह मुंबई गया और अनिल भट्ट के मकान में रुका। यहां देहरादून के रहने वाले प्रवेश और सुनील बिष्ट, राजस्थान निवासी गौरव समेत पंजाब निवासी चार अन्य लोग भी रुके हुए थे। इन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया था। इन लोगों को भी यहां ट्रेनिंग के लिए रुकवाया था। यहां कुछ दिन ट्रेनिंग के बाद ये सभी आरोपी टालमटोल करने लगे। इसके बाद नितीश फिर से एफसीआई के दिल्ली स्थित कार्यालय में गया। जहां उसे फिर से लौटा दिया गया।