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बारिश व बारिश के अलर्ट के दौरान कोली ढेक झील में नौका एवं जार्बिग बॉल का संचालन रहेगा प्रतिबन्धित, ईई सिंचाई ने जारी की चेतावनी

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चम्पावत। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता भुवन चंद्र पांडेय ने अवगत कराया है कि वर्तमान में (15 जून से 15 अक्टूबर तक) मानसून काल चल रहा है। साथ ही मौसम विभाग द्वारा समय समय पर भारी वर्षा का अलर्ट भी जारी किया जा रहा हैं। विगत दिनों से जनपद में भी लगातार वर्षा होने के कारण जिले के लोहाघाट स्थित लोहावती नदी का जलस्तर बढ़ने से लोहावती नदी पर बने कोली ढेक कृत्रिम जलाशय का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जलाशय के अनुमन्य जलस्तर को बनाए रखने के लिए डैम के गेटों को बरसात के दौरान कभी भी खोला अथवा बन्द करना पड़ सकता है।

अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड लोहाघाट ने वर्तमान में कोली ढेक जलाशय के समस्त नाव एवं जार्बिंग बाल चालकों को सूचित करते हुए मानसून काल में अलर्ट रहने के साथ ही उन्हें अपनी नाव एवं जार्बिंग बॉल को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी संचालकों को यह भी सूचित किया है कि जलाशय क्षेत्र में काफी वृक्ष वर्तमान में सूख चूके हैं एवं बारिश होने के कारण जलस्तर बढने से वृक्षों के गिरने की भी संभावना बनी हुई है, जिसमें नौका एवं जार्बिंग चालन के दौरान दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी हुई है। उन्होंने सभी नौकायान व जार्बिंग बॉल संचालकों को सूचित करते हुए अवगत कराया है कि बारिश व बारिश के अलर्ट के दौरान जलाशय में नौका एवं जार्बिग बॉल का चालन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा। उन्होंने कहा है कि आदेशों में किसी भी प्रकार की अवहेलना पर समस्त जिम्मेदारी नौकायान व जार्बिंग बॉल संचालकों की होगी एवं चालान की कार्यवाही कर लाईसेन्स भी निरस्त कर दिया जाएगा। जिस हेतु संचालकों का विभाग पर कोई भी दावा मान्य नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आदेश मानसून काल एवं उसके बाद भी वर्षाकाल के दौरान लागू रहेगा। इसके साथ साथ जलाशय की सिल्ट सफाई व मानसून काल में डैम की सुरक्षा के लिए भी जलाशय को खाली किया जाना आवश्यक है। कहा गया है कि इसके लिए जन सामान्य एवं डैम की सुरक्षा के लिए डैम के गेटों को नियमानुसार खोला जाएगा।

अधिशासी अभियंता पांडेय ने कहा है कि नावों का उनकी क्षमता के अनुसार दो एवं चार सीटों का लाईसेन्स निर्गत किया गया है, किन्तु नाव चालकों द्वारा मानकों की अवहेलना करते हुए अधिक पर्यटक बैठाए जा रहे हैं। कहा है कि ओवरलोडिंग से होने वाली किसी भी दुर्घटना की समस्त जिम्मेदारी नाव चालकों की होगी। ओवरलोडिंग करने पर चालान की कार्यवाही भी की जाएगी। चालान करने के पश्चात भी नियमों के अनुसार नाव संचालन न करने पर लाईसेन्स रद्द कर दिया जाएगा।