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पौड़ी हादसा : बस चालक की लापरवाही की भेंट चढ़ गईं 33 जिंदगियां

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हरिद्वार के लालढांग से कांडा जा रही बरात की बस दुर्घटना में चालक की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। बस की कमानी खराब थी। कमानी खराब होने से बस रास्ते में कई जगह पर अनियंत्रित हुई, लेकिन चालक हर बार कमानी में ठोक पीटकर जुगाड़ कर उसे चलाता रहा। सिमली के पास कमानी का पट्टा टूट गया और पलक झपकते ही खाई में गिर गई। बरात की बस का रजिट्रेशन हल्द्वानी से है। बस कोटद्वार से किराये पर आई थी। बस का चालक दिनेश गुसाईं और परिचालक भी कोटद्वार के हैं। इसमें चालक की मौत हो गई, जबकि परिचालक ने खिड़की से कूदकर जान बचा ली।
मीडिया रिपोर्ट् के अनुसार बस सवार सकुशल लालढांग लौटने वाले धनवीर ने बताया है कि बस रास्ते में कई जगह रुकते-रुकते गई। बस चालक कई बार नीचे उतरा और कमानी में काम ठोक कर फिर बस चलाता रहा। बस गिरने से पहले काफी तेज आवाज हुई। आवाज सुनकर किसी को समझने का मौका तक नहीं मिला। कमानी का पट्टा टूटते ही बस चालक की साइड झुक गई और नीचे चली गई। बताया कि बस की तीन पल्टियां खाने पर वह छटककर बस से बाहर आ गया। इसके बाद उसे बस नजर नहीं आई। बस की आवाज ही सुनी। बताया कि कुछ समय बाद सड़क से लोगों के चिल्लाने की आवाज आने लगी और लोग बचाव के लिए सड़क से नीचे उतरने लगे।
दूल्हे की कार के चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया है कि बस में कमानी की दिक्कत की जानकारी होने से बराती अनजान थे। चालक ने रिगीखाल में बस रोकी और मिस्त्री को दिखाया। मिस्त्री ने कमानी के पट्टे को ठोक कर जुगाड़ बना दिया, जिससे बस के एक साइड लहराने की दिक्कत कुछ हद तक कम हो गई, लेकिन मोड़ पर कमानी के पट्टे पर दबाव पड़ने से वह टूट गया और बस खाई में समा गई। धर्मेंद्र ने बताया कि बस चालक की लापरवाही से न केवल उसकी खुद की जान चली गई, बल्कि बराती भी मौत के मुंह में समा गए। बस दुर्घटना में फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, कंडक्टर और बैंडवाले ने खाई में गिरती बस से कूदकर जान बचाई। तीनों लोगों को चोटें आई हैं और कोटद्वार अस्पताल में भर्ती हैं। तीनों हादसे के बाद दहशत में हैं।
मंगलवार दोपहर में लालढांग से बरात की बस कांडा गांव के लिए निकली थी। फोटोग्राफर पंकज नारंग, वीडियोग्राफर जयपाल सिंह निवासी लालढांग अन्य बरातियों के साथ बस में ही सवार थे, जबकि बैंडवाला शादाब और उनकी टीम बस की छत पर बैठी थी। फोटोग्राफर पंकज नारंग ने फोन पर बताया कि दुर्घटना स्थल से दुल्हन का घर मात्र 600 मीटर दूर था। हर कोई बाराती दुल्हन के घर पहुंचने के लिए उत्सुक था, लेकिन बीरोंखाला सिमड़ी बैंड के पास बस बेकाबू होकर खाई में गिर गई। पंकज ने बताया कि बस का अगला हिस्सा खाई की ओर जाते ही बस में सवार लोगों में चीख पुकार मच गई। बस का अगला हिस्सा जमीन पर टकराते ही अधिकतर शीशे चकनाचूर हो गए। पंकज ने बताया कि शीशे टूटते ही कई लोग छिटक कर बाहर निकल गए। उसने और जयपाल ने कूदकर जान बचाई। उनके अलावा कई लोग हिम्मत कर लुढ़कती हुई बस से बाहर कूदे। बस की छत पर बैठा शादाब भी कूद गया और उसकी भी जान बच गई।

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