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पीसीसीएफ राजीव भरतरी से तीन साल के वेतन भत्तों की हो सकती है वसूली, जानिए क्या है मामला

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पीसीसीएफ राजीव भरतरी से तीन साल के वेतन भत्तों की वसूली हो सकती है। उनकी पेंशन और अन्य भत्ते तक रोके जा सकते हैं। उन पर 2016 से 2019 तक पीएचडी के लिए पूरे वेतन पर स्टडी लीव लेने और पीएचडी पूरी नहीं करनेका आरोप है। शासन ने अब उनको चार्जशीट देकर 25 मार्च तक स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण का जवाब समय पर ना मिलने या संतोजनक जवाब ना मिलने पर उनके खिलाफ सरकार बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिस कोर्स या डिग्री के लिए स्टडी लीव ली जाती है उसको पूरा करने के बाद सरकार में जमा कराना होता है। जबकि पीसीसीएफ भरतरी ने अपनी पीएचडी पूरी करने की जानकारी आज तक सरकार को नहीं दी है। जबकि इस दौरान वे पूरा वेतन सरकार से लेते रहे। इसके अलावा उन पर 2006-07 में कार्बेट डायरेक्टर रहते हुए वहां कई जगह अवैध निर्माण कराने के भी आरोप हैं।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु की ओर से उनको भेजी गई चार्जशीट में उन पर कार्बेट के कोर जोन हल्दूपड़ाव में बिना अनुमति दो मंजिला भवन बनाने और झिरना जोन में भी बिना अनुमति पर्यटकों के लिए दो पक्के कमरों के निर्माण करने का आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं उनसे 2020 में शासन के निर्देश व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के पत्र के बावजूद कार्बेट में हुए अनियमितताओं की शिकायत की जांच ना करवाने का भी आरोप है। उन पर पाखरो में अवैध निर्माण व कटान में शासन के अधिकारियों की मिली भगत की बात सीईसी को लिखकर भेजने का भी गंभीर आरोप है। तत्कालीन सोना नदी रेंज के एसडीओ बृज विहारी को निदेशक की सिफारिश के बावजूद पद सेन हटाने सहित कई आरोप हैं।

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