ऋषिकेश में गरजे भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के लोग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को दी खुली बहस की चुनौती
ऋषिकेश। राज्य में सशक्त भू-कानून के आंदोलन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है। उन पर
आंदोलनकारियों को माओवादी कहने का आरोप है। बयान से भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति का पारा चढ़ गया है। गांधी स्तंभ पर
उन्होंने बारिश के बीच मंच से भट्ट को खुली बहस की चुनौती दी। उन्होंने भट्ट के सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग दोहराते
हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही।
रविवार को त्रिवेणी घाट स्थित गांधी स्तंभ पर समिति सदस्य पहुंचे। संयोजक मोहित डिमरी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को मूल
निवास, भू-कानून और माओवाद पर खुली बहस की चुनौती दी। कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने मूल निवास और भू-कानून के लिए लड़
रहे लाखों मूल निवासियों का अपमान किया है। आरोप लगाया कि अधिकार के लिए लड़ने वालों को उग्रवादी, माओवादी और
अलगाववादी कहना सरासर गलत है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से सार्वजनिक माफी की मांग करने वालों में सुरेंद्र सिंह नेगी, आशीष
नेगी, प्रांजल नौड़ियाल, अनिता कोठियाल, संजय सिलस्वाल, राजेश सिंह, पंकज उनियाल, पंकज पोखरियाल, नितिन उपाध्याय,
प्रशांत कांडपाल, यशवंत सिंह, अनिल डोभाल, कमल कांत, देवेंद्र रावत, विनीत सकलानी, मोहन भंडारी, बिमला बहुगुणा आदि
शामिल रहे।