चालीस साल पुरानी लिफ्ट पेयजल योजना के भरोसेे लोहाघाट के लोग

चम्पावत। हर साल की तरह इस बार भी गर्मी बढ़ते ही लोहाघाट नगर में नगर में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है। लोहाघाट नगर के लोगों की पूरी निर्भरता 40 साल पुरानी चौड़ी लिफ्ट योजना पर टिकी है। लोहावती नदी में दिनों दिन जल स्तर कम होने से पेयजल आपूर्ति पर इसका काफी असर पड़ा है। नगर में मांग के अनुरूप चार पेयजल योजनाओं से मात्र 21 फीसदी पानी ही मिल पा रहा है। इससे व्यवस्था बनाने में जल संस्थान को परेशानी हो रही है।

लोहाघाट नगर के लिए रोजाना 2,160 केएल किलो लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन चार पेयजल योजनाओं से मात्र 470 केएल ही पानी मिल रहा है। इससे नगर के लोगों को तीसरे या चौथे दिन पानी मिल पा रहा है। नगर के लिए बनी चौड़ी लिफ्ट पेयजल योजना से 400 केएल, बनस्वाड़ योजना से 20 केएल, फोर्ती योजना से 25 केएल, नलकूप से 25 केएल पानी मिल पा रहा है। लोहावती के जलस्तर में लगातार कमी आने से लिफ्ट योजना के मुख्य टैंक में अब जल संस्थान पाइपों के जरिये पानी डालकर जैसे-तैसे व्यवस्था बना रहा है।
पिकअप और टैंकर से मेन टैंक में डाला जा रहा पानी
जल संस्थान ने लोहाघाट में पेयजल की आपूर्ति का वैकल्पिक उपाय किया है। इसके तहत पिकअप और टैंकर के जरिये नगर के मुख्य टैंक में पानी भरा जा रहा है। जल संस्थान के एई पवन बिष्ट ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल योजनाओं में भी करीब 40 फीसदी कमी आ गई है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के हालात अभी काबू में हैं।
कोलीढेक झील का पानी छोड़ने के लिए भेजा पत्र
लोहावती के जल स्तर में कमी आने से चौड़ी लिफ्ट पेयजल योजना में पड़ रहे असर को देखते हुए जल संस्थान ने कोलीढेक झील से पानी छोड़ने की मांग की है। जल संस्थान के एई पवन बिष्ट ने बताया कि लंबे समय से बारिश न होने से और कोलीढेक झील बनने के बाद लोहावती के जल स्तर में कमी आ गई है। अभियंता बिष्ट ने बताया कि झील की देखरेख में लगे सिंचाई विभाग के अधिकारियों से रोजाना 600 केएल पानी लोहावती में छोड़ने की मांग की गई है।

