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बैंकों में 550 करोड़ रु जमा करके भूल गए उत्तराखंड के लोग, डेड फंड में सरकारी विभागों के भी पड़े हैं ₹9 करोड़

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शुक्रवार को आरबीआई ने ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ के तहत 600 लोगों के 10 करोड़ रुपए लौटाए

देहरादून। कई बार लोग बैंकों में पैसा जमा करके भूल जाते हैं। ऐसे लोगों के अकाउंट जब लंबे समय तक अपडेट नहीं होते हैं तो बैंक उन्हें डेड फंड में डाल देते हैं। RBI का ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ विषय पर जन जागरूकता शिविर के तहत शुक्रवार को देहरादून के अलग अलग बैंकों ने लोगों के 10 करोड़ रुपए लौटाए हैं।

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शुक्रवार को देहरादून के सर्वे चौक स्थित IRDT हॉल में हुए ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ विषय पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम SLBC (SBI) और जिला लीड बैंक एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह के साथ भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक दिपेश राज, भारतीय रिजर्व बैंक के उप-महाप्रबंधक शैलेन्द्र शर्मा, पंजाब नैशनल बैंक के उप-महाप्रबंधक पीएस रावत, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के उप-महाप्रबंधक मनोहर सिंह व बैंक ऑफ बडौदा के उप-महाप्रबंधक अरविंद जोशी उपस्थित रहे।

जिला लीड बैंक एसोसिएशन के पदाधिकारी संजय भाटिया ने बताया कि देहरादून जिले के विभिन्न बैंकों से लगभग 5 लाख खातों की लगभग 210 करोड़ जमा राशि निष्क्रिय होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक के विशिष्ट फंड (DEAF) में भेजी जा चुकी थी, जिसमें से 10.27 करोड़ बैंकों द्वारा उनके वास्तविक स्वामी या फिर वैध दावा कर्ताओं को लौटा दी गयी है। इन 10.27 करोड़ में से कुछ राशि उक्त कार्यक्रम में पहुंचे वास्तविक खाते-धारकों को बैंकों के उपस्थित उच्च अधिकारियों द्वारा प्रतीकात्मक चेक के माध्यम से प्रदान की गई।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि पूरे उत्तराखंड में अभी तकरीबन 550 करोड़ रुपए ऐसे हैं, जो कि लोगों द्वारा बैंकों में जमा करके छोड़ दिए गए हैं। यह डेड फंड में कन्वर्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों में पड़े इस डेड फंड को वापस लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार कैंपेन चलाए जा रहे हैं। लोगों से भी अपील की जा रही है कि वह इसको लेकर खुद भी जागरूक हों और अन्य लोगों में भी जागरूकता फैलाएं।

आपको बता दें कि देहरादून जिले के अलग-अलग बैंकों में डेड फंड में 2,786 खातों के तकरीबन 9 करोड़ रुपए सरकारी विभागों का है। वहीं इसके अलावा अलग-अलग संस्थाओं का तकरीबन 15 करोड़ और रिटेल खातों का 186 करोड़ के करीब बैंकों में डेड अकाउंट में पड़ा हुआ है।