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पिथौरागढ़ : घर पहुंचा सैनिक पंकज का पार्थिव शरीर, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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पिथौरागढ़। विण की पवन विहार कालोनी निवासी सैनिक पंकज कन्याल जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। चार दिन पूर्व ड्यूटी के दौरान टॉवर से गिरकर उनका निधन हो गया था। सोमवार की देर शाम सैनिक का पार्थिव शरीर उनके आवास में लाया गया। सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान हादसे में जान गंवाने वाले पिथौरागढ़ निवासी सैनिक पंकज कन्याल का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना, पूर्व सैनिक संगठन, क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, विधायक बिशन सिंह चुफाल ने पुष्प चक्र अर्पित कर जवान को श्रद्धांजलि दी।

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मालूम हो कि विण की पवन विहार कालोनी निवासी पंकज सिंह कन्याल जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। चार दिन पूर्व ड्यूटी के दौरान टॉवर से गिरकर उनका निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार की देर शाम उनके विण पवन विहार कालोनी स्थित आवास में लाया गया। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े। मृतक जवान की मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उन्हें रोते-बिलखते देख अन्य लोगों की भी आंखें नम हो गईं। मंगलवार की सुबह पूर्व सैनिक संगठन के जवानों ने मृतक जवान के आवास पर पहुंचकर अध्यक्ष मेजर ललित सिंह के नेतृत्व में पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद जवान की अंतिम यात्रा निकाली गई। मुवानी स्थित रामगंगा घाट पर क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल सहित सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान पंकज सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। पंकज के बड़े भाई मोहित कन्याल और चचेरे भाई पूरन कन्याल ने चिता को मुखाग्नि दी। सेना की जीआर की टुकड़ी ने जवान को अंतिम सलामी दी। पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मेजर ललित, उपाध्यक्ष मयूख भट्ट ने मृतक जवान के परिजनों को यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया है।

अधिकारियों के न आने पर जताई नाराजगी
पूर्व सैनिक संगठन ने कहा है कि देश की रक्षा के लिए ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर सैनिक को श्रद्धांजलि देने या उसके परिजनों को सांत्वना देने के लिए नेता और अधिकारियों के पास समय तक नहीं होता है। संगठन के अध्यक्ष मेजर ललित ने कहा कि जवान सीमाओं पर खड़े रहकर पहरा देते हैं ताकि देश के नागरिक चैन से सो सकें। कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी देश रक्षा के लिए बलिदान होने वाले सैनिक को श्रद्धांजलि देना और उनके परिजनों को सांत्वना देना तक मुनासिब नहीं समझते हैं।

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