पिथौरागढ़ : 13 दिनों से लापता प्रदीप की जांच को गठित हो एसआईटी

पूर्व जिपं सदस्य मर्तोलिया ने सीएम धामी को पत्र भेजा, बलुवाकोट पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, धरना-प्रदर्शन का ऐलान
मुनस्यारी/पिथौरागढ़। बलुवाकोट थाना क्षेत्र के ढूंगातोली से लापता हुए मुनस्यारी के पातो निवासी प्रदीप दरियाल का 13 दिन के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। खोजबीन में पुलिस की भूमिका से सीमांत वासी संतुष्ट नहीं हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने प्रदीप की खोजबीन के लिए एसआईटी. गठित करने लेकर मुख्यमंत्री को ईमेल से पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर तक इस मामले में सकारात्मक प्रति उत्तर नहीं आने पर 27 अक्टूबर को शास्त्री चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए। कहा कि पुलिस केवल वीआईपी परिवारों के लिए बनी है।

पूर्व जिपं सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया ने शनिवार को ईमेल के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक के साथ आईजी कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि 13 दिन से लापता प्रदीप के मामले में पुलिस के पास आज की तिथि तक कोई सामान्य जानकारी तक उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर को हल्द्वानी से धारचूला के लिए अपने स्कॉर्पियो वाहन से निकले प्रदीप का वाहन ढूंगातोली के पास क्षतिग्रस्त अवस्था में मिला। प्रदीप का एक मोबाइल वाहन के आसपास में गिरा मिला, था।
दूसरा मोबाइल उसके पास होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसका लोकेशन एक बार नेपाल के एक स्थान पर आया।
उन्होंने कहा है कि पुलिस के पास कॉल डिटेल आ गई है, अभी तक पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्ध लोगों के साथ कोई पूछताछ नहीं की है। लापता होने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्काल डॉग स्क्वायड की मदद ले सकती थी। पुलिस ने इस कार्य को भी नहीं किया। उन्होंने पुलिस के खोजबीन के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस केवल वीआईपी. परिवारों के लिए ही बनी है। कहा है कि जिस परिवार का एक व्यक्ति 13 दिनों से गायब है उसकी मनोदशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बलुवाकोट पुलिस पर इस मामले अब आगे विश्वास किए जाने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार को तत्काल इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करते हुए उसे इसकी जांच सौंप देनी चाहिए। चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में अगर समय सीमा के भीतर कोई संतोषजनक कार्य नहीं होता है, तो 27 अक्टूबर को शास्त्री चौक में पुलिस व्यवस्था के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी।
