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जोशीमठ त्रा​सदी को लेकर पीएमओ ने ली बैठक, लिए गए ये फैसले और अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश

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देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से आई त्रासदी को लेकर अब केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। मामले को लेकर आज प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक उच्चस्तरीय बैठक की है। बैठक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए गए है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जोशीमठ में आई इस बड़ी आपदा पर आज रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। जिसमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, गृह सचिव, केन्द्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी।
बैठक में निर्देश दिए गए कि सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के विशेषज्ञों की टीम, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान घटनाक्रम का अध्ययन करने और अध्ययन की सिफारिशें सरकार को देंगे। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा को समीक्षा बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं। भारत सरकार की एजेंसियां ​​और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
वहीं भू धंसाव का पता लगाने के लिए सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की टीम जोशीमठ रवाना होगी। रविवार देर शाम यह टीम देहरादून पहुंच गई, जिसमें जल शक्ति मंत्रालय के अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं। दो दिन पहले जल शक्ति मंत्रालय ने जोशीमठ भू धंसाव और इसके प्रभाव का तेजी से अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधि, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के वैज्ञानिक, केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर जमीन धंसने के प्रभावों का पता लगाएगी। सोमवार को सुबह यह टीम जोशीमठ के लिए रवाना हो जाएगी।

केंद्र से मदद का रास्ता देखेगी एनडीएमए की टीम
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के चार अधिकारी सोमवार को देहरादून पहुंचेंगे। यह अधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि बैठक में यह तय होगा कि केंद्र किस तरह से जोशीमठ भू धंसाव में सहयोग करेगा।

सीबीआरआई की टीम सीएम के सामने देगी प्रस्तुतिकरण
जोशीमठ में रेट्रोफिटिंग को लेकर सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की टीम सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगी। यहां के वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में रेट्रोफीटिंग के रास्ते सुझाएगी।

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