धामी धाकड़ बल्लेबाज, इसलिए उन्हें आखिरी ओवर में उतारा : राजनाथ सिंह
उत्तराखंड को पांच साल में तीन-तीन मुख्यमंत्री क्यों दिए? 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यह प्रश्न सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है। वहीं पार्टी के लिए बने इस यक्ष प्रश्न का जवाब केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अंदाज में दे दिया। उन्होंने कहा कि धामी धाकड़ बल्लेबाज हैं, इसलिए उन्हें आखिरी ओवर में उतारा गया। रक्षा मंत्री ने धामी को लेकर यह बात पौड़ी जिले के पीठसैंण में कही। वह वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री इसे लेकर एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘क्रिकेट की भाषा में अगर कहूं तो 20-20 के मैच में धामी जी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामी जी काफी धाकड़ बल्लेबाज हैं। उन पर उत्तराखंड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।’ उन्होंने आगे लिखा, मैं पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और बहुत कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है। राजनाथ सिंह के इस बयान को विपक्षी दलों के उस सवाल के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है, जो वे प्रदेश को तीन-तीन मुख्यमंत्री देने को लेकर उछाल रहे हैं। भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को आए दिन इस सवाल का सामना करना पड़ रहा है।
लिपुलेख से मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया
रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर लिखा अब लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया है। यह रास्ता आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भारत और नेपाल को करीब लाने में भी सहायक होगा। नेपाल हमारे लिए केवल एक मित्र देश नहीं है, बल्कि उसके साथ हमारा परिवार जैसा संबंध है।
राज्य के बॉर्डर पर बन रही 1000 किमी लंबी सड़कें
उत्तराखंड के सामरिक महत्व देखते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) 1000 किमी लंबी सड़कों का निर्माण कर रहा है, इसमें से 800 किमी सड़क तो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी हुई है।
रक्षा मंत्री से राज्य के लिए मांगी टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से राज्य में टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन स्थापित करवाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि एक बटालियन गढ़वाल राइफल और दूसरी कुमाऊं रेजिमेंट के साथ अटैच की जाए।सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री के तौर पर ही नहीं बल्कि एक सैनिक के तौर पर भी उन्हें लगता है कि रेगुलर आर्मी के सहयोग के लिए टेरिटोरियल आर्मी का गठन किया जाना चाहिए। टेरिटोरियल आर्मी भी रेग्युलर आर्मी की तरह ही हमेशा हर मोर्चे पर सक्रिय रहकर राष्ट्र की सेवा में तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर राज्यों में आंतरिक आतंकवाद से लोहा लेने का मोर्चा हो या राष्ट्रीय स्तर पर ईको सिस्टम को बचाने के लिए देश के विभिन्न विषम भौगोलिक क्षेत्रों में वृहद वृक्षारोपण का मोर्चा टेरिटोरियल आर्मी ने सफलतापूर्वक काम किया है। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि टेरिटोरियल आर्मी को सिटिजन आर्मी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह नागरिक जीवन के अनुभवों से युक्त पेशेवरों की योग्यताओं एवं सैनिक अनुशासन व राष्ट्र प्रेम की भावना का अद्भुत समागम है। जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, असम, नागालैण्ड, मणिपुर आदि राज्यों में टेरीटोरीयल आर्मी काम कर रही है। उत्तराखंड राज्य चीन एवं नेपाल जैसे राष्ट्रों की सीमा से लगा होने के कारण रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है। उत्तराखंड राज्य में टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन स्थापित की जाए।