ऋषेश्वर मंदिर समिति और बाबा के बीच धर्मशाला को लेकर बढ़ता जा रहा विवाद


चम्पावत। लोहाघाट के ऋषेश्वर मंदिर में धर्मशाला को लेकर मंदिर समिति और स्वामी मोहनानंद के बीच चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। दोनों पक्षों के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने दोनों पक्षों को न्यायालय का फैसला न आने तक एक दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मंदिर समिति को जब पता चला कि स्वामी मोहनानंद के साथ साधु संतों ने नवनिर्मित भवन पर डेरा डाला दिया तो उन्होंने इसकी सूचना डीएम और पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन मंदिर में पहुंच गया। ऋषेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता का कहना है कि स्वामी ने मंदिर के निर्माणाधीन धर्मशाला में घुसकर कब्जे का प्रयास कर डेरा डाल लिया था। इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई। वहीं इस मामले में स्वामी मोहनानंद का कहना है कि पिछले 13 वर्षों से वह आश्रम में रह रहे हैं। बाहर से साधु संत आए थे, जिनके रहने की उचित व्यवस्था न होने के कारण अपने गीता भवन में ठहराया था। एसडीएम अनिल गर्ब्याल का कहना है कि जब तक न्यायालय से कोई फैसला नहीं आता तब तक दोनों ही पक्षों को एक दूसरे के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। एसओ मनीष खत्री ने बताया कि धर्मशाला में ठहरे साधुओं से वार्ता कर उन्हें उनके स्थान में भेज दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। मंदिर के पुजारी देवेंद्र पुजारी का कहना है कि समिति और स्वामी के विवाद के चलते मंदिर की प्रतिष्ठा को काफी ठेस पहुंच रही है। विवाद के चलते श्रद्धालुओं ने मंदिर में आना कम कर दिया हैै। पुजारी ने कहा कि मंदिर में न साधु चाहिए न समिति चाहिए। इधर बाबा के शिष्य ऋषेश्वरानंद का आमरण अनशन गुरुवार को भी जारी रहा।

