पूर्णागिरि यात्रा मार्ग के बाटनागाड़ में मलवे से पटी सड़क, चार-पांच दिन लग सकते हैं रोड खुलने में, मंदिर समिति ने पोकलैंड मशीन लगाने की उठाई मांग
टनकपुर। सोमवार की रात व मंगलवार की सुबह हुई तेज बारिश की वजह से पूर्णागिरि यात्रा मार्ग के बाटनगाड़ नाला उफान पर आ गया। इस वजह से बाटनागाड़ में भारी मात्रा में मलवा आ गया है। जिससे सड़क पर काफी लंबी दूरी तक छह से आठ फिट तक ऊंचा मलवा जमा हो गया है। जिससे पूर्णागिरि यात्रा मार्ग अवरूद्ध हो गया है। तीर्थयात्रियों को फिलहाल पूर्णागिरि क्षेत्र में नहीं जाने दिया जा रहा है। पूर्णागिरि क्षेत्र में फंसे श्रद्धालु व क्षेत्र के लोगों को शारदा नदी किनारे से पैदल निकाला जा रहा है। कई लोगों के वाहन ठूलीगाड़ क्षेत्र में फंस गए हैं। बाटनागाड़ के समीप रोड खुलने में चार-पांच दिन लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी तक बाटनगाड़ में मलवा हटाने के लिए एक जेसीबी लगाई गई थी, लेकिन प्रशासन कल से अधिक मशीनें लगाने की तैयारी कर रहा है।
वहीं पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी ने डीएम को ज्ञापन भेज कर बाटनागाड़ में मलवा हटाने के लिए पोकलैंड मशीन लगाए जाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि मां पूर्णागिरी यात्रा मार्ग व टनकपुर जौलजीबी मार्ग में स्थित बाटनागाड़ नाले में विगत वर्षों की अपेक्षा श्यामलाताल की पहाड़ियों में हो रहे भूस्खलन के कारण बाटनागाड़ नाले में काफी मात्रा में मलवा पत्थर जमा हो जा रहा है। जिससे आए दिन मां पूर्णागिरी यात्रा मार्ग अवरूद्ध हो रहा है। जिस कारण धाम में आ रहे दर्शनार्थियों को बिना मां के दर्शन किये मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। सेलागाड के स्थानीय ग्रामीणों को व जौलजीबी मार्ग से लगे चूका आदि के ग्रामीणों को भी आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा नाले का प्रवाह बूम की तरफ होने से उचौलीगोठ के गांव को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा मानसून काल के लिए जेसीबी मशीन को कान्ट्रैक्ट पर रखा गया है, परन्तु नाले में ज्यादा मात्रा में मलवा पत्थर इकट्ठा होने से जेसीबी मशीन द्वारा नाले की सफाई सम्भव नहीं हो पा रही है तथा मलवा पत्थर सही तरह से ना हट पाने से समस्या ज्यों की त्यों है। ज्ञापन में मानसून काल में बाटनागाड़ नाले में मलवा आने पर नियमित रूप से मार्ग खोलने के लिए एक पोकलैंड मशीन की तैनाती किए जाने की मांग की है।
