रोमांटिक पूजा निकली पीएसआई शीतल, जालसाज को गुजरात पुलिस ने ‘हनीट्रैप’ करके पकड़ा, जानें क्या है पूरा मामला
पुलिस को चकमा दे रहे एक कुख्यात जालसाज को लेडी पीएसआई ने तगड़ा सबक सिखाया। महिला पुलिस इंस्पेक्टर ने तकनीक से ही उसे धोखा दिया। लाखों रुपये का घोटाला भूमिगत हुए आरोपी को लेडी पुलिस इंस्पेक्टर ने बुलाकर हथकड़ी पहनाई।

अहमदाबाद/सूरत: लव यू..मिस यू। अरे अब मुझे नींद आ रही है…अब तुम सो जाओ कुछ इस तरह की रोमांटिक चैट के बाद सूरत सिटी पुलिस की दबंग लेडी पुलिस ऑफिसर शीतल चौधरी ने अंडरग्राउंड हुए एक कुख्यात जालसाज को 25 दिनों में अरेस्ट कर लिया। दरअसल गिरीश देवड़ा सूरत शहर पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। उसने अपने दोस्त मूश जावेद के नाम पर एक सेकंड-हैंड फॉर्च्यूनर कार खरीदी थी। इस कार के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया था। कुछ किस्तें देने के बाद उसने कार पंजाब में बेच दी थी। जब किश्तें बंद हो गईं और बैंक ने दस्तक दी, तो उसके दोस्त ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन गिरीश अंडरग्राउंड हो गया था। उसने अपना फोन बंद कर लिया। वह व्हाट्सएप कॉल और चैट पर कर रहा था। इतना ही नहीं लगातार लोकेशन भी बदल रहा था। ऐसे में उसे ट्रैक करना लगभग नामुमकिन हो गया था।

गुड मॉर्निंग….आप कौन?
पुलिस को चकमा दे रहे गिरीश देवड़ा को पकड़ने के लिए डीसीपी जोन-1 में तैनात पीएसआई शीतल चौधरी ने तकनीक से चतुराई से निपटने का फैसला किया। शीतल ने भी हनी ट्रैप का दांव खेलते हुए गिरीश को गुड मोर्निंग का मैसेज भेज दिया। इस पर गिरीश ने जब पूछा कि आप कौन? तो शीतल ने जवाब दिया पूजा….माफ कीजिए गलती से भेज दिया। शीतल का यह दांव एकदम निशाने पर लगा। पुलिस से छुप रहा गिरीश पूजा बनी शीतल के साथ चैटिंग करने लगा। कुछ दिनों बाद चुलबुली ऑनलाइन दोस्ती में बदल गई। दोनों के बीच बातचीत होती तो दिल वाले इमोजी, आई लव यू और आई मिस यू जैसे संदेशों का आदान-प्रदान होने लगा। गिरीश, इस बात से अनजान कि उसकी नई पूजा असल में खाकी वर्दीधारी एक पुलिस अधिकारी है। वह अपनी गतिविधियों के बारे में भी निजी जानकारी साझा करने लगा।
25 दिन बाद शिकंजे में आया जालसाज
लगभग चार हफ़्तों की रोमांटिक बातचीत के बाद दोनों ने मिलने का फैसला किया। पुलिस से छिपने वाला गिरीश उत्साहित होकर आत्मविश्वास में रहस्यमय दोस्त से मिलने के सूरत के पर्वत पाटिया पहुंच गया। वह पर उसका स्वागत किसी फैंसी ड्रेस वाली पूजा ने नहीं बल्कि पुलिस उपनिरीक्षक शीतल चौधरी ने वर्दी में किया। शीतल के पुलिस अधिकारियों की एक टीम भी थी। पुलिस ने गिरीश को अरेस्ट कर लिया। सूरत सिटी पुलिस के डीसीपी जोन-1 आलोक कुमार के अनुसार आरोपी बेहद सतर्क था और बातचीत के लिए सिर्फ व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस उपनिरीक्षक शीतल की सूझबूझ और धैर्य ने मामले को पलट दिया। शीतल की वजह से न केवल गिरीश, बल्कि उसके सहयोगी कुलदीप रमेश सोलंकी की भी गिरफ्तारी हुई। कुमार ने बताया कि दोनों ने पूरी धोखाधड़ी कबूल कर ली है।

