सूडान में फंसे दून के नंदकिशोर समेत उत्तराखंड के सात लोग, नहीं हो पा रहा कोई संपर्क
देहरादून के नंद किशोर समेत उत्तराखंड के कुल सात लोग सूडान के संघर्ष में फंसे हुए हैं। पुलिस ने सोमवार को सभी की सूचना भारत सरकार को उपलब्ध करा दी है। इनमें दून के नंद किशोर के अलावा जुनैद अली, सलमा त्यागी, जुनैद त्यागी, इनायत त्यागी सभी निवासी हरिद्वार, जयपाल सिंह निवासी रुद्रप्रयाग और मोर सिंह निवासी टिहरी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, देहरादून के नकरौंदा निवासी नंद किशोर का बीते तीन दिनों से उनका परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। आखिरी बार 21 अप्रैल को बात हुई तो उन्होंने पत्नी से कहा था कि यहां खाने पीने की दिक्कत शुरू हो गई है। बातचीत के बीच ही फोन कट गया था। इसके बाद से परिवार चिंता में है।
64 वर्षीय नंद किशोर पहले गुजरात में काम करते थे। उनकी पत्नी सुनीता ने बताया कि गत 20 मार्च को उन्हें गुजरात के ठेकेदार राशिद पटेल ने छह लोगों के साथ सूडान के खारतून भेजा था। उनके साथ गुजरात के सेवक राम वर्मा आदि लोग भी हैं। नंद किशोर सप्ताह में दो-तीन बार घरवालों से बात करते रहते थे। जब से सूडान में स्थिति खराब हुई परिवार वाले उनसे सुबह-शाम बात कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल की दोपहर में नंद किशोर का ही फोन आया था। उन्होंने पहले परिवार वालों के बारे में पूछा फिर कहने लगे कि यहां स्थिति खराब हो गई है। खाना नहीं मिल रहा है। पीने का साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा है। सुनीता ने बताया कि इस बातचीत के बीच फोन अचानक कट गया। इसके बाद लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई बात नहीं हुई।
नंद किशोर की पत्नी ने डीएम से की मुलाकात
नंद किशोर की पत्नी सुनीता सोमवार को जिलाधिकारी से भी मिलीं। जिलाधिकारी ने इस मामले में पुलिस और इंटेलीजेंस से बात कर आगे की कार्रवाई के लिए कहा है। सुनीता ने बताया कि उनके पति पिछले साल अगस्त में रक्षाबंधन पर घर आए थे। इसके बाद से फोन पर ही बात हो रही थी।
परिवार से मिलने पहुंचे निशंक
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी नंद किशोर के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। कुछ जहाज सूडान पहुंच गए हैं। अन्य मित्र राष्ट्रों के रास्ते सूडान से भारतीय नागरिक निकाले जा रहे हैं। जल्द ही नंद किशोर भी भारत लौट आएंगे।