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‘महाकाल लोक’ में आंधी से गिरकर टूटी सप्तऋषि की छह मूर्तियां

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Six idols of Saptarishi broken after falling from the storm in 'Mahakal Lok'

मध्यप्रदेश के उज्जैन में तेज आंधी की चपेट में आने से महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गईं। घटना रविवार करीब शाम 4 बजे की बताई जा रही है। महाकाल लोक में लगी सप्तऋषि की सात मूर्तियों में से छह गिरी हैं। हालांकि कलेक्टर ने शीघ्र ही इसे ठीक करवाने की बात कही है। इधर कांग्रेस महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर हो गई है। कमलनाथ, अरुण यादव समेत कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से इसे लेकर ट्वीट किए गए। वहीं देर शाम भोपाल में एक कमेटी बना दी, जो महाकाल लोक पहुंचकर मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी।

रविवार दोपहर अचानक आंधी और तेज बारिश हो गई। इससे महाकाल लोक में सप्तऋषि की सात में से छह प्रतिमा हवा के कारण नीचे गिर पड़ी, जिनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं। साथ ही कुछ मूर्तियों के सिर पर क्रेक भी आया है। महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की जानकारी लगते ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और अन्य पदाधिकारी तुरंत महाकाल लोग पहुंचे जहां उन्होंने आरोप लगाया कि इन मूर्तियों के निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। घटना के बाद आम श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया था, हालांकि देर शाम फिर से लोगों को आने दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन कलेक्टर और उज्जैन संभाग कमिश्नर से जानकारी हासिल की है। बताया गया है कि महाकाल लोक में 155 प्रतिमाएं हैं जिनमें से तीन खंडित हुई हैं। ये सभी डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के तहत कांट्रेक्टर द्वारा नई स्थापित की जाएंगी।

श्रद्धालुओं के लिए फिर खोला महाकाल लोक
महाकाल लोक में आंधी से क्षतिग्रस्त हुई प्रतिमाओं के चलते कुछ समय के लिए वहां प्रवेश बंद किया गया था। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने प्रतिमाओं के यथायोग्य ट्रीटमेंट के बाद महाकाल लोक को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इस संबंध में प्रशासन ने आग्रह किया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और पूजा व दर्शन का पूर्ववत लाभ लें।

दावे हुए फेल
मूर्तियां लगाने के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि यह मूर्तियां ना तो आंधी तूफान से खराब होंगी और ना ही इस पर बारिश का कोई असर पड़ेगा, लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस और प्लास्टिक की बनी इन मूर्तियों में पहली बारिश में ही टूट-फूट हो गई। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। दो चरणों में बने श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण में करीब 356 करोड़ रुपये का काम हो चुका है। कुल 855 करोड़ रुपये के काम किए जाना हैं।

जिस समय आंधी और बारिश का दौर आरंभ हुआ बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार होने से वैसे ही भक्तों की संख्या ज्यादा ही थी। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। महाकाल लोक के बनने के बाद उज्जैन में दर्शनार्थियों की संख्या दोगुनी हो गई थी। सुबह के समय सांदीपनि आश्रम के सामने पुराना नीम का पेड़ गिरा था, जिसमें एक कार दब गई थी।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि शहर में काफी तेज आंधी थी, कई पेड़ उखड़ गए हैं। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिरी हैं। सभी मूर्तियां एफआरपी की थी जिन्हें सुंदरता के दृष्टिगत सीमेंटेड नहीं किया गया था। सिर्फ यही मूर्तियां गिरी हैं, बाकि कहीं कुछ नहीं हुआ। घटना के समय महाकाल लोक में हजारों लोग उपस्थित थे। जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियो में परिवर्तित किया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है इसलिए कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। यह भी देखा जाएगा कि बाकी मूर्तियों की जमावट ठीक है या नहीं।

कमलनाथ ने उठाए सवाल
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।