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लिलियम की खुशबू से महकता चम्पावत, स्वरोजगार की ओर आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

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चम्पावत। विश्व प्रसिद्ध फूल ‘लिलियम’ अब चम्पावत की मिट्टी में खिलकर ना केवल सुरभि बिखेर रहा है, बल्कि युवाओं के लिए स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की नई राह भी बना रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा परिकल्पित आदर्श जनपद चम्पावत का सपना अब साकार होता दिख रहा है। विकास की इस यात्रा में जनपद के लोहाघाट विकासखंड स्थित धारित्री एग्रो प्राइवेट लिमिटेड एक मिसाल बनकर उभरा है। यहां व्यावसायिक स्तर पर लिलियम फूल की खेती की जा रही है, जिसकी देश के बड़े शहरों-दिल्ली, मुम्बई आदि में जबरदस्त मांग है।

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हॉलैंड के बाद लिलियम फूल को वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक पसंद किया जाता है। सजावटी उपयोग, विवाह समारोहों और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में इसकी भारी मांग इसे कृषि नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण बनाती है। चम्पावत में स्थापित इस फार्म में लगभग 15,000 लिलियम बंचेस का वार्षिक उत्पादन किया जा रहा है, जिससे 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की जा रही है।

यह फार्म उद्यान विभाग से प्राप्त पॉलीहाउस के माध्यम से मल्टी-लेयर क्रॉपिंग को भी बढ़ावा दे रहा है, जिसमें लिलियम के साथ सेब और मौसमी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। इससे न केवल भूमि का अधिकतम उपयोग हो रहा है, बल्कि सालभर रोजगार और उत्पादन सुनिश्चित हो रहा है। फार्म में 14–15 स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और पलायन की प्रवृत्ति पर भी रोक लगी है।

यह पहल न केवल चम्पावत में खेती के क्षेत्र में नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक मॉडल भी है कि कैसे ग्रामीण संसाधनों का उपयोग कर बड़े स्तर पर रोजगार और आत्मनिर्भरता प्राप्त की जा सकती है। चम्पावत की धरती अब केवल फूल नहीं उगा रही, वह भविष्य की खुशबू भी बिखेर रही है।

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