चम्पावत जिले में अंधड़ ने मचाई तबाही, कई घरों व गौशालाओं की छतें उड़ीं, दर्जनों पेड़ गिरे, कई बाल बाल बचे
चम्पावत/लोहाघाट। बुधवार पांच जून की शाम छह बजे बाद चम्पावत जिले के पहाड़ी क्षेत्र में तेज अंधड़, ओलावृष्टि के बीच बारिश हुई। करीब 15 मिनट तक चले तेज अंधड़ से जिले के कई हिस्सों में दर्जनों पेड़ गिर गए। चम्पावत में फर्त्याल गार्डन के पास पेड़ गिरने से मोटर वर्कशॉप में मरम्मत के लिए आई तीन कार क्षतिग्रस्त हो गईं। चम्पावत के कनलगांव वार्ड में नवीन देउपा का नाशपाती का भारी भरकम पेड़ जड़ से उखड़ गया। गनीमत रही कि उसकी चपेट में कोई नहीं आया। त्यारकुड़ा में पूर्णागिरि मंदिर के समीप स्थित पॉपलर का भारी भरकम पेड़ धराशायी हुआ। गनीमत रहा वह मंदिर के ऊपर नहीं गिरा। वहीं एनएच पर स्वांला में आंधी के चलते एनएच पर भारी भरकम पेड़ गिर गया। इससे यातायात मार्ग बाधित हो गया। काफी देर इंतजार के बाद किसी तरह जेसीबी की मदद से पेड़ को सड़क से हटाकर यातायात सुचारु कराया गया।
चम्पावत जवाहर नवोदय विद्यालय के पास धीरज पांडे व कैलाश राम के घर व गौशाला की छतें उड़ गईं। लोहाघाट में हिटलर बाजार में एसएसबी कैंप के पास पिकअप वाहन के ऊपर पेड़ गिर गया। तूफान से पेड़ गिरने के चलते चम्पावत-मंच-तामली सड़क हरम के पास घंटों बंद रही। मंच की पुलिस चौकी के प्रभारी मनोहर सिंह रावत और उनकी टीम ने मौके पर पहुंच ग्रामीण राहुल बोहरा, जगदीश सिंह, अशोक महर, वाहन चालक विक्रम सिंह, राजू सिंह आदि के साथ मिल रोड खोलने के लिए रास्ते में आए पेड़ों को काटने में जुटे रहे। तल्लादेश सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली लाइनों के टूटने से आपूर्ति पर भी इसससे असर पड़ा है। चम्पावत और मैदानी क्षेत्र टनकपुर-बनबसा में भी एक घंटे से अधिक समय तक बिजली सप्लाई बाधित रही। बनबसा में गढ़ीगोठ के समीप पेड़ गिरने से बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी।
लोहाघाट रोडवेज स्टेशन के पास देवदार का पुराना पेड़ मीट मंडी की दुकानों और पर्यावरण मित्र हरचरन के मकान पर गिर गया। जिससे एक बाइक भी क्षतिग्रस्त हुई। खेतीखान रोड पर एक मकान और कोलीढेक पुल के पास दिनेश चंद्र पंत, बसंत चौबे की गौशाला के ऊपर देवदार का भारी भरकम पेड़ गिर गया। पेड़ों को हटाने के लिए कई टीमों को मौके पर लगाया गया है। लोहाघाट, बाराकोट और पाटी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से कई जगह घरों और वाहनों को क्षति पहुंची है। अंधड़ की वजह से आडू, सेब, पुलम आदि को नुकसान हुआ है।