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चम्पावत : बच्चों में कफ सिरप के उपयोग पर सख्त निर्देश, दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी की दवाएं प्रतिबंधित

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चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी बाल चिकित्सा देखभाल में दवाओं के तर्कसंगत उपयोग संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु समस्त स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श विशेष रूप से बच्चों में कफ सिरप के विवेकपूर्ण निर्धारण और वितरण पर जोर देता है। अधिकांश मामलों में बच्चों की खांसी स्वतः ही बिना दवा के ठीक हो जाती है, इसलिए अनावश्यक औषधि प्रयोग से बचना आवश्यक है। निर्देशों के अनुसार, दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं न दी जाएं, तथा पाँच वर्ष तक के बच्चों में भी इनके प्रयोग से यथासंभव परहेज़ किया जाए। यदि दवा देना अनिवार्य हो, तो सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, उचित खुराक, न्यूनतम अवधि और एकाधिक दवाओं के संयोजन से बचने जैसे नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

जिलाधिकारी ने आमजन से अपील की कि वे चिकित्सक की सलाह के बिना बच्चों को कोई भी कफ सिरप न दें और गैर-औषधीय उपायों जैसे पर्याप्त आराम, जल की पर्याप्त मात्रा, और सहायक घरेलू उपचार को प्राथमिकता दें। उन्होंने सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को निर्देश दिए कि केवल Good Manufacturing Practices (GMP) के अंतर्गत प्रमाणित तथा फार्मास्यूटिकल ग्रेड के उत्पाद ही क्रय व वितरण किए जाएं। साथ ही, सार्वजनिक एवं निजी चिकित्सकों तथा दवा विक्रेताओं से इन मानकों के पालन में अधिकतम संवेदनशीलता बरतने की अपेक्षा की गई है।