ब्लैक फंगस को हल्के में लेना पैदा कर सकता है मुश्किलें, इसलिए जरूरी सावधानी बरतें : सीएम तीरथ सिंह रावत
चम्पावत। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोविड नियंत्रण, कोविड वैक्सिनेशन व ब्लैक फंगस के सम्बंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने की तैयारियों तथा दवाओं, ऑक्सीजन, वेन्टिलेटर और वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जिस तरह बीते साल प्रदेश ने कोराना महामारी को हराया था। उसी तरह और बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए प्रदेश में एक बार फिर ऐसा हो सकेगा।
उन्होंने ये भी कहा कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए टेस्टिंग और ट्रैकिंग सबसे अहम हैं, जिसका कोई विकल्प नहीं। टेस्टिंग जल्दी होने से कोरोना की मृत्यु दर पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कन्टेन्टमेंट जोन में सैम्पलिंग बढ़ायें।
उन्होंने रेमडेसिविर और दूसरी दवाओं की आपूर्ति के बारे में भी चर्चा की और कहा कि दवाओं की कमी न हो इसके लिए राज्यों से बात करके इनकी आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि दवाओं का मेडिकल गाइडलाइन्स के अनुसार इस्तेमाल हो और उनकी कालाबाज़ारी और ग़लत इस्तेमाल पर कड़ाई से नज़र रखी जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के सभी ब्लॉक में चौबीसों घंटे कन्ट्रोल रूम एक्टिव रहें तथा एम्बुलेंस तैयार रहें, ताकि किसी भी व्यक्ति को परेशानी का सामना ना करना पड़े। आईईसी के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार करें। सीएम ने निर्देश दिए कि मोबाइल टेस्टिंग वैन/ मोबाइल टैस्टिंग लैब के माध्यम से गाँव गाँव मे जाकर टेस्टिंग करें तथा दवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि टैस्टिंग में किसी भी दशा में कमी नही होनी चाहिए। ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में जो ग्राम स्तरीय समिति बनाई गई हैं, उसकी सतत निगरानी कर नियमित समीक्षा बैठक करें। उन्होंने कहा कि मास्क का गलत तरीके से उपयोग करने पर भी चालान काटे जाएं। जिससे लोग मास्क को सही तरीके से पहनें ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली कोविड की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। इसके लिए अभी से सारी व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। चूंकि बच्चों के केस अलग होते हैं, तो इसके लिए मेडिकल स्टॉफ, एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी की आवश्यक रूप से ट्रैनिंग कराएं। उन्होंने कहा कि कोरोना के साथ साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। कोरोना की तरह ये भी अब धीरे धीरे अपने पैर फैला रहा है। इसे हल्के में लेना कोरोना जैसी मुश्किलें पैदा कर सकता है। यह एक गम्भीर बीमारी है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के साथ साथ डेंगू भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है। बरसात का मौसम आने वाला है इसके बाद डेंगू की बीमारी भी एकाएक बढ़ जाएगी। बैठक के दौरान डेंगू के बचाव उपायों व उपचार की भी समीक्षा की गयी तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि डेंगू मच्छर साफ रुके हुए पानी में पैदा होता है। जैसे अभी निकट भविष्य में वर्षा ऋतु का मौसम आने वाला है जिसके कारण मच्छर पनपने की संभावना ज्यादा हो जाती है। जिसका उपाय उन सभी छोटे छोटे गड्ढों को भरना, गमलों, कूलर, टकियों आदि को प्रत्येक सप्ताह में एक बार साफ करना व स्वास्थ्य स्टाफ द्वारा आमजन को जागरूक करने से हम डेंगू के मच्छर पैदा होने से रोक सकते हैं। इन छोटी छोटी युक्तियों को अपनाकर डेंगू रोग को नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू को कन्ट्रोल करने के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्र में घरों के साथ-साथ सड़क, गली, मोहल्ला व सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होने वाले पानी की सफाई की जाए। इसके लिए लोगों के बीच जन जागरूकता फैलाएं। इसके लिए अस्पतालों में अलग वार्ड बनाएं। नगरों में नगर निगम व नगर पालिका द्वारा व ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम समिति/ पंचायत समिति सफाई अभियान चलाएं। जनपद चम्पावत की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी विनीत तोमर ने जनपद की स्थिति को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कारोना संक्रमण से बचाव में मददगार आइवरमेकटिन दवा की किट बनाई जा चुकी हैं तथा बीएलओ के माध्यम से किटों का वितरण भी प्रारम्भ किया जा चुका है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, अपरजिलाधिकारी त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी खंडूरी, एसीएमओ डॉ. इंद्रजीत पांडे व डीडीएमओ मनोज पांडेय जुड़े रहे।