टनकपुर : दीप पाठक ने उठाई आपदा प्रभावितों को तत्काल मुआवजा देने की मांग
डीएम को ज्ञापन सौंप कर लापरवाही बरतने वाले अफसरों को खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग
टनकपुर/चम्पावत। लगातार हो रही बारिश की वजह से पैदा हुए बाढ़ जैसे हालात का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी को भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दीप चंद्र पाठक ने ज्ञापन सौंप कर आपदा प्रभावितों को तत्काल उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई। ज्ञापन में उन्होंने गत वर्षों से आपदा के कार्यों में हुई लापरवाही करने वालों पर कठोर कार्यवाही एवं अति शीघ्र जन सुनवाई करते हुए जन सुझावों के आधार पर बाढ़ आपदा जलभराव से मुक्ति के आवश्यक कार्य अति शीघ्र कराने की मांग की है। ज्ञापन की एक प्रति पाठक ने मुख्यमंत्री को भी भेजी है।
डीएम को सौंपे ज्ञापन में दीप पाठक ने कहा है कि पिछले कई वर्षों से पूर्णागिरी तहसील क्षेत्र के साथ ही चल्थी, अमोड़ी, पालविलौना आदि क्षेत्रों में भू-कटाव हो रहा है। मैदानी क्षेत्र के उचौलीगोठ, थ्वालखेड़ा, छीनीगोठ व बनबसा में जल भराव के साथ ही भू-कटाव हुआ है। कई लोगों की उपजाऊ भूमि व बगीचे बह गए हैं। यह सब पिछले वर्ष की पुनरावृत्ति हुई है। यह आपदा अचानक नहीं आई है। इसलिए यह आपदा का कारण कहीं न कहीं उन विभागों की लापरवाही है जिन विभागों को आपदा, बाढ़ नियंत्र को लाखों रुपये आवंटित किए गए। कहा हैकि कहीं न कहीं आपदा, बाढ़ नियंत्रण के कार्यों में घोर लापरवाही हुई। जिसकी वजह से गत वर्ष की जैसी आपदा और बाढ़ की स्थितियां उत्पन्न हुई हैं।
पाठक ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में खुली जनसुनवाई करते हुए भविष्य के लिए मजबूत बंधे निर्माण किए जाएं और गत वर्ष कार्यों में लापरवाही बरतने वाले गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। यह भी मांग उठाई है कि गत वर्ष आपदा से बचाव एवं बाढ़ नियंत्रण कार्यों में कितनी रकम कहां कहां खर्च की गई है, उसे सार्वजनिक किया जाए। एनएच के डेंजर जोन स्वांला समेत अन्य जगहों पर किए गए करोड़ों के खर्च का ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाए।
पाठक ने ककराली गेट से लेकर जगबूढ़ा पुल तक बरसाती नाले का जल्द से जल्द निर्माण किए जाने, बाटनागाड़ का स्थाई समाधान करने, किरोड़ा नाले में स्थाई बंधा बनाए जाने, उसमें अब तक कितना खर्च हुआ है उसका ब्यौरा सार्वजनिक किए जाने, धौन दियूरी चल्थी रोड को शीघ्र बनाए जाने, टनकपुर में कुछ माह पूर्व किए गए डामरीकरण कार्य की जांच करा कर ठोस कार्यवाही किए जाने की भी मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं की गई तो वे न्यायालय की शरण में जाएंगे।

