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टनकपुर : बाल प्रहरी कार्यशाला में हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन

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टनकपुर। बाल प्रहरी द्वारा आयोजित बच्चों की अभिव्यक्ति कार्यशाला के तीसरे दिन शायंकाल 4 बजे से कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में टनकपुर तथा खटीमा साहित्य समूह के विद्वान कवियों ने प्रतिभाग किया। बाल प्रहरी पत्रिका अल्मोड़ा के संपादक उदय किरौला ने सभी का स्वागत किया। कवि गोष्ठी का संचालन कार्यशाला के संयोजक त्रिलोचन जोशी द्वारा किया गया।

खटीमा साहित्य समूह के संचालक महेंद्र प्रताप नंद की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में आकाश प्रभाकर द्वारा ‘तेवर रखती बेटी देखो झांसी वाली रानी की’, रवींद्र पांडे (पपीहा) द्वारा ‘चलो हवा में चलकर देखें, जरा किनारे छू कर देखें, दीपक फुलारा (बेवाक) द्वारा ‘लक्ष्य अटल सिद्धांत अटल उम्मीद जगाने आया हूं’, राम रतन यादव ने ‘किस तरह किसी मोड़ पे चाहत से मिलेगी, सपनों को ले बारात गुलिस्तां सी पिघलेगी, त्रिलोचन जोशी ने ‘अपना है कौन यहां, देखो चाहे जहां तहां, हेमा जोशी (परू) ने ‘बढ़ते नहीं कदम मेरे कुमाऊ गढ़वाल से आगे’, बाल कवि नूरे निशा ने ‘नन्ही चुहिया झूला झूले खा खाकर मक्की के पूले’, शांति देवी ने ‘मेरे देश की जय हो’, नीलम पांडे (नीलिमा) ने ‘झूठी पहचान इकट्ठे करने से क्या होगा’ रावेंद्र कुमार (रवि) ने ‘नथनी की परछाई पर सो रहा हंसी जा टुकड़ा’, महेंद्र प्रताप पांडे ने ‘खो गई है चिट्ठी पत्री’, कैलाश चंद्र पांडेय ने ‘तोरे पद पंकज ना छोडूं रे’, टनकपुर की शिक्षाविद जानकी खर्कवाल ने अपनी रचना के द्वारा युवाओं को सद कार्य की ओर प्रेरित किया, नीरज सिंह ने पिता की महत्ता, कल्पना आर्य ने अंतर्मन, डॉ. देवीदत्त जोशी ने सैनिक के बलिदान और भुवनेश्वरी जोशी ने रक्षाबंधन के बदलते स्वरूप पर रचना प्रस्तुत कर कवि गोष्ठी में शमा बांध लिया। उदय किरौला ने कुमाऊंनी गीत सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। कवि गोष्ठी में बाल कवि ऋषि शर्मा, एकांशु भट्ट, पीयूष पांडे ने अपनी रचनाए प्रस्तुत कीं।