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टनकपुर : कार्यशाला के दूसरे दिन इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ. अग्रवाल ने दी नई शिक्षा नीति की जानकारी

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टनकपुर। इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रही कार्यशाला के दूसरे दिन कार्यशाला के संयोजक उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही दिव्यांगजनों द्वारा चलाए गए पाठ्यक्रमों की जानकारी भी कार्यशाला में प्रदान की। इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक मुख्य अतिथि डॉ. अमित अग्रवाल ने नई शिक्षा नीति में दिव्यांग जनों के लिए किए गए प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्य में इस तरह की कार्यशाला दिव्यांगों का मनोबल भी बढ़ाती हैं और दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों को दिव्यांग जनों के पुनर्वास में सक्रिय भूमिका निभाने में मदद मिलती है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कमला चिनियाल ने कहा कि हम सबका दायित्व है कि दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित भाव से कार्य करें और यथासंभव उनका मनोबल बढाये रखें। अति विशिष्ट अतिथि डॉ. आभा शर्मा ने अपने उद्बोधन में नई शिक्षा नीति और नवीन दिव्यांगजन एक्ट के सम्मिश्रण को लेकर की जा रही कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया कि दिव्यांगजनों के आवश्यकता अनुरूप पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी द्वारा प्रतिभागी शिक्षकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की गई कि कार्यशाला में प्राप्त किए गए ज्ञान व अनुभव को दिव्यांगजनों के हित में उनके सशक्तिकरण में प्रयोग करें। राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न लोगों द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। कार्यशाला के स्थानीय संयोजक व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र राजकीय महाविद्यालय टनकपुर के समन्वयक डॉ. धर्मवीर सिंह ने कार्यशाला में नई शिक्षा नीति निधि में दूरस्थ शिक्षा के महत्व पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. सुषमा रानी द्वारा कार्यशाला का संयोजन किया गया। प्रो. सुमिता मक्कड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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