टनकपुर: राजस्व और रेलवे के दस्तावेज नहीं खा रहे मेल, शुरू नहीं हो सकी रेलवे की भूमि पर नापजोख
टनकपुर। रेलवे की भूमि की नापजोख बुधवार को शुरू नहीं हो सकी। पालिकाध्यक्ष विपिन कुमार ने कहा कि रेलवे के दस्तावेज पूरे नहीं होने से नापजोख की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकी। रेलवे को नक्शे और अन्य जरूरी कागजात लाने को कहा गया है। मालूम हो कि इस साल 21 जून को रेलवे ने 102 अतिक्रमण ध्वस्त किए थे, लेकिन बाद में विरोध के चलते अभियान रोकना पड़ा था। अतिक्रमण विरोधी अभियान के विवाद की वजह भूमि के स्वामित्व को लेकर रेलवे और राजस्व विभाग के अलग.अलग दावे हैं। जून में विवाद के हल के लिए प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई।
तहसील सभागार में बुधवार को तहसीलदार पिंकी आर्य, रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर मुन्ना कुमार, पालिकाध्यक्ष विपिन कुमार और ईओ राहुल कुमार सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी। जिस कारण रेलवे की जमीन की नापजोख शुरू नहीं हो सकी। दोनों विभागों के नक्शों में दर्ज भूमि के आंकड़े मेल नहीं खाते हैं। राजस्व के भू अभिलेखों के मुताबिक टनकपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के नाम 428 बीघा चार बिस्वा दर्ज है। वहीं रेलवे विभाग के 1909 के नक्शे के अनुसार रेलवे लाइन के बीच से पश्चिम की ओर 168.50 मीटर और पूर्व की ओर 132 मीटर भूमि दिखाई गई है। इसी नक्शे के आधार पर रेलवे अतिक्रमणकारियों को भूमि खाली कराने का नोटिस देता है।