नानी व नातिन की मौत का मामला : उपचार में हुई लापरवाही की हो उच्च स्तरीय जांच, तीन दिन में रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
पूर्व जिला पंचायत मर्तोलिया, मल्ला जोहार विकास समिति के अध्यक्ष धर्मशक्तू व अन्य ने डीएम को ज्ञापन भेजा, प्रबंध समिति की आपातकालीन बैठक बुलाए जाने की मांग

मुनस्यारी/पिथौरागढ़। जंगली मशरूम खाने से गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती नानी तथा नातिन के इलाज में हुई लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। इस आशय का ज्ञापन उप जिलाधिकारी वैभव कांडपाल को सौपा गया। उप जिलाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी सूचना लिखित रूप में भेजी गई है। जिला प्रशासन को इस मामले में तीन दिन का समय दिया गया है। अगर इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं होती है तो उग्र की चेतावनी दी गई है।


ग्राम पंचायत धापा निवासी कुंती देवी बर्फाल तथा कुमारी रिया मर्तोलिया का जंगली मशरूम खाने से अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था। आरोप है कि इनके इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई और इन्हें लंबे समय के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया। हल्द्वानी पहुंचने से पहले रिया की तथा पहुंचने के बाद कुंती देवी की मौत हो गई। इलाज में की गई लापरवाही पर क्षेत्र में आम जनता में आक्रोश व्याप्त है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया तथा मल्ला जोहार विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम सिंह धर्मशक्तू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उप जिलाधिकारी वैभव कांडपाल से मुलाकात की। जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन सौपा गया।
उन्होंने बताया कि 11 जुलाई को पहली बार दोनों उल्टी दस्त होने के कारण अस्पताल में उपचार करने के लिए आए। इस दौरान ड्यूटी में तैनात चिकित्सक तथा अन्य स्टाफ को जंगली मशरूम खाए जाने की बात बताई गई, लेकिन इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। दोनों को सामान्य उपचार के बाद घर भेज दिया गया। सही उपचार नहीं मिलने से दोनों गंभीर स्थिति में पहुंच गए। 12 जुलाई की सुबह पुनः दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। इस दौरान भी चिकित्सकों के अलावा मेडिकल स्टाफ को इनके जंगली मशरूम खाए जाने की बात बताई गई।
जंगली मशरूम जानलेवा भी हो सकता है, इसकी जानकारी होने के बाद भी चिकित्सकों के द्वारा उनके परिजनों को उचित सलाह नहीं दी गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती रखा गया। जब नाजुक स्थिति हो गई तब जाकर दोनों को रेफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लंबे समय से गंभीर लापरवाहियों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का प्रबंधन फेल हो चुका है। शिकायत के बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर तीन दिन के भीतर जांच कमेटी द्वारा इस मामले की जांच कर रिपोर्ट को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सम्मुख सार्वजनिक नहीं किया गया तो स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर प्रबंधन समिति की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रही अव्यवस्था पर अंकुश लगाने के लिए बैठक में कार्य योजना बनाने के साथ पूर्व में हुए प्रस्तावों की समीक्षा आवश्यक है।

