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संकुल स्तरीय बौद्धिक प्रतियोगिता में मेजबान शिशु मंदिर मादली के बच्चे रहे अव्वल

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सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा के ही नहीं आचार, विचार और संस्कार के भी उदगम हैं : चौहान

चम्पावत। सरस्वती शिशु मंदिर मादली में गुरुवार को संकुल स्तरीय बौद्धिक प्रतियोगिताओं में विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने अपनी बौद्धिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर अपना विशेष स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में आठ सरस्वती शिशु मन्दिरों के चालीस प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि शिक्षाविद भूपेंद्र सिंह चौहान ने कहा सरस्वती शिशु मंदिर राष्ट्रीय चरित्र निर्माण संस्कारों की शिक्षा देने वाले एवम व्यक्तित्व निर्माण करने वाली ऐसी सस्थाएं हैं, जहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वह अपने बच्चों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर रहे हैं। इस अवसर पर विद्या भारती के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य गिरीश सोराड़ी, तुलसी प्रसाद ओली, भैरव सिंह कार्की, हीरा बल्लभ उप्रेती ने बच्चों को अपना आशीर्वाद देते हुए उन्हें जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए अपने अनुभव साझा किए।

प्रधानाचार्य गुणानंद पांडेय ने मुख्य अतिथि समेत सभी का स्वागत करते हुए उन्हें विद्यालय परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। निर्णायकों द्वारा बौद्धिक प्रतियोगिताओ के परिणाम घोषित किए गए। सांस्कृतिक प्रश्न मंच में दूधपोखरा, विज्ञान, कला, विज्ञान प्रदर्शनी, भाषण में मेजबान विद्यालय, गीत एवं गणित में खर्ककार्की शिशु मंदिर के बच्चे अव्वल रहे। जिन्हें अतिथियों द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। आचार्य नवीन पांडेय के संचालन में प्रतियोगिता के आयोजन में शंकर भट्ट, कैलाश,आरती, मीना तड़ागी, दीपा, रेनू, सीमा बोहरा ने सहयोग किया। विद्यालय के व्यवस्थापक बची सिंह पुजारी ने सभी के प्रति अपना धन्यवाद ज्ञापित किया।

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