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भू-स्खलन से क्षतिग्रस्त मोटर मार्ग के निर्माण के लिए ठेकेदार ने उसी के बगल में पैदा किया एक और नया डेंजर जोन

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पत्थर बेचने के लिए एक वर्ष से पूरा नहीं हो पाया सड़क निर्माण का कार्य, निर्माणाधीन सड़क के आसपास पेयजल लाइन क्षति ग्रस्त होने से तीन गांवों में पैदा हो रहा है पेयजल संकट। एक साल बाद चल पाई प्राइवेट स्कूल बस

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लोहाघाट/चम्पावत। देवीधुरा- रेंगल बैंड से मूलाकोट को जोड़ने वाली सड़क भू-स्खलन के बाद भले ही राह चलते लोगों एवं वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गई हो, लेकिन सड़क निर्माण में बरती गई लापरवाही लोगों के लिए किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकती है। दूसरी ओर लोगों की जान की कीमत में विभागीय सह पर ठेकेदार अपनी मनमानी पर उतरा हुआ है। आलम यह है कि विभाग ने एक साल से बन रही दीवार को पूरा न करवाकर ठेकेदार को पत्थर बेचने की खुली छूट दी हुई है।

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रेंगल बैंड से करीब 150 मीटर दूरी पर मूलाकोट सड़क में अतिवृष्टि से गत वर्ष सड़क का करीब 15 से 20 मीटर रोड का हिस्सा बह गया था। बताया गया है ​कि वहां दीवार बनाने के लिए उसी स्थान से 15 मीटर आगे पीछे पत्थर निकलने के लिए विस्फोट किया गया जिससे इस स्थान की चूलें हिल गईं तथा अभी भी बड़े बोल्डर पहाड़ी से लटके हुए हैं। जो कभी भी निर्दोष लोगों की जान ले सकते हैं। विस्फोट के कारण कोटना, मूलाकोट व घिंघारुकोट की पेयजल योजन ध्वस्त हो गई है। बाद में इसे ग्रामीणों द्वारा जैसे तैसे जुगाड़ लगाकर उसे चालू कर दिया लेकिन चुनाव से पहले रोड को ठीक करते समय पेयजल लाइन को पुनः तोड़ दिया गया, जिससे ग्रामीण बरसाती पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

सड़क की स्थिति खराब होने कारण मूलाकोट और उसके आस पास के क्षेत्रों से पाटी तक स्कूल लाने ले जाने वाली बस एक वर्ष बाद भले ही फिर से चलने लगी है, लेकिन बस बंद होने से बच्चों एवं उनके अभिभावकों को दिक्कतें हुई होगी इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। सड़क का क्षतिगस्त हिस्सा ठीक करने की आड में हुए घाल मेल में बनाया गया नया डेंजर जोन अब लोगों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

यहां के सीधे साधे लोग अपने बच्चों को एक साल तक स्कूल पहुंचने के लिए अपनी जेब खाली कर यहां से 15 किमी दूर विभिन्न माध्यमों से पाटी स्कूल पहुंचाते रहे, लेकिन स्वभाव से सीधे साधे होने के कारण यह लोग विभाग से यह नहीं पूछ पाये कि विस्फोट करने में प्रतिबंध लगाने के बावजूद भी क्यों और किन परिस्थितियों में विस्फोट कर जानलेवा परिस्थितियां पैदा की जा रही हैं? उस पर वजनदार किस्म के ठेकेदारों से कुछ कहना इनके बूते की बात भी नहीं है। बहरहाल, नए जिलाधिकारी से इनकी उम्मीदें बढ़ी हैं कि उनकी जानकारी में यह मामला आने के बाद सब कुछ ठीकठाक हो जाएगा।

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