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चम्पावत नगरपालिका के ठेकेदारों को भुगतान से पहले लाना होगा सभासदों का अनुमोदन, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद

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चम्पावत। चम्पावत नगरपालिका क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए अब सभासद भी सीधे सीधे जिम्मेदार होंगे। वे खराब निर्माण कार्यों का ठीकरा ठेकेदार के ​पालिका प्रशासन और ठेकेदार के सिर नहीं फोड़ पाएंगे। क्योंकि पालिका बोर्ड ने निर्णय लिया है कि अब ठेकेदार को किसी भी निर्माण कार्य के भुगतान से पहले संबंधित क्षेत्र के सभासद का अनुमोदन लाना जरूरी होगा। इससे स्पष्ट है कि अब सभासद को अनुमोदन देने से पहले निर्माण कार्य की भली भांति परीक्षण करना होगा। बैठक में चम्पावत में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी निर्णय लिया गया।
गुरुवार को नगर पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा की अध्यक्षता और ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी के संचालन में हुई बोर्ड की बैठक में बताया गया कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए दो नाली जमीन की तलाश की जा रही है। बैठक में 15वें वित्त से मिले 79.16 लाख और चौथे राज्य वित्त से मिले 2.58 करोड़ रुपये से चल रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्ता से कराए जाने के निर्देश दिए गए। गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित वार्ड के सभासद के अनुमोदन के बाद ही भुगतान करने का निर्णय लिया गया। कोविड के मद्देनजर सफाई को और बेहतर करने के लिए अभियान चलाने के अलावा कूड़ा वाहनों में जीपीएस लगाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री आवास सहित नगर क्षेत्र में चल रही तमाम योजनाओं के अलावा कई निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्ताव पास किए गए। बैठक में सभासद रेखा तिवारी, मोहन भट्ट, कविता गोस्वामी, कलावती देवी, लक्ष्मी देवी, रोहित बिष्ट, नंदन सिंह तड़ागी आदि थे।

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सेलाखोला में बनेगा चम्पावत का ट्रंचिंग ग्राउंड, डीपीआर बनी
चम्पावत। जिला मुख्यालय चम्पावत में जल्द ही कूड़े के निस्तारण का स्थायी समाधान हो जाएगा। अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) के तहत बन रहा ट्रंचिंग ग्राउंड 3.32 करोड़ रुपये से सेलाखोला में बनेगा। इसके लिए बजट मिल चुका है। ट्रंचिंग ग्राउंड नहीं होने से इस वक्त शहर के पांच टन कूड़े का निस्तारण फिलहाल यहां से पांच किमी दूर सेलाखोला के पास के जंगल में किया जा रहा है। चेयरमैन विजय वर्मा ने कहा है कि ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से लोगों की दिक्कतें कम होंगी और नवीनतम तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति से कूड़े का निस्तारण किया जा सकेगा। इसके बाद कांपैक्टर मशीन का भी उपयोग भी किया जा सकेगा।

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