ट्रेन से 108 किमी का सफर तय कर उत्तराखंड पहुंची लाश, किसी को भनक तक नहीं लगी, जानें क्या है पूरा मामला
हल्द्वानी। नैनीताल जिले के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर खड़ी बाघ एक्सप्रेस ट्रेन के दिव्यांग कोच में एक व्यक्ति की लाश मिली। मौके पर पहुंची जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। मृतक की शिनाख्त बरेली पोस्ट ऑफिस में तैनात कर्मचारी 37 वर्षीय भानु प्रताप के रूप में हुई है। आशंका जताई जा रही है कि भानु प्रताप ने बरेली से ट्रेन पर चढ़ने के दौरान विषाक्त पदार्थ का सेवन किया होगा। जीआरपी पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
काठगोदाम जीआरपी पुलिस के मुताबिक, शास्त्रीनगर बरेली निवासी 37 वर्षीय भानु प्रताप बरेली पोस्ट ऑफिस में तैनात थे। काठगोदाम पहुंचे परिजनों ने बताया कि पांच साल पहले भानु सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। तब एक पैर काटना पड़ा। एक महीने से वह मानसिक तनाव में थे और काम पर नहीं जा रहे थे। अक्सर वह ट्रेन में बैठकर कहीं के लिए भी निकल पड़ते थे।
जीआरपी थानाध्यक्ष नरेश कोहली ने बताया कि बुधवार 28 मई को बाघ एक्सप्रेस काठगोदाम देरी से पहुंची। रूटीन चेकिंग के दौरान टीम ने ट्रेन के दिव्यांग कोच में एक व्यक्ति को बेसुध पाया। अस्पताल पहुंचाया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। तलाशी में जेब से आधार कार्ड, विषाक्त पदार्थ और मोबाइल फोन मिला है। संभावना जताई जा रही है कि मृतक ने विषाक्त पदार्थ का सेवन किया है। वहीं सूचना पर परिवार वाले हल्द्वानी पहुंचे। जहां परिवार वालों ने बताया कि भानु प्रताप कई बार ट्रेन से कहीं भी निकल जाता था।
वहीं शव बरेली से काठगोदाम तक 108 किलोमीटर तक सफर करता रहा, लेकिन किसी की नजर नहीं गई। ऐसे में ट्रेन की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल जीआरपी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। विषाक्त पदार्थ खाने या नहीं खाने की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर होगी।
