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टनकपुर में भू-कटाव और जलभराव की स्थिति का जिलाधिकारी ने लिया जायजा, ग्रामीणों से किया संवाद, दिए ठोस कदम उठाने के निर्देश

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टनकपुर/बनबसा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत जिलाधिकारी मनीष कुमार जनपद में लगातार हो रही भारी वर्षा के चलते उत्पन्न आपात स्थिति पर सतत निगरानी बनाए हुए हैं। प्रशासनिक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर संचालित किया जा रहा है। बुधवार को जिलाधिकारी ने टनकपुर क्षेत्र के खेतखेड़ा एवं गौड़ाखाली गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शारदा नदी से हो रहे लगातार भू-कटाव का गहनता से जायजा लिया और प्रभावित ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली।

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी टनकपुर को निर्देशित किया कि नदी का चेनलाइजेशन कर जल प्रवाह को व्यवस्थित किया जाए और आवश्यकतानुसार ह्यूम पाइप डाले जाएं, ताकि जलभराव की समस्या से ग्रामीणों को राहत मिल सके और भू-कटाव की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की संभावित क्षति को रोकने को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा कार्य सुनिश्चित किए जाएं। दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। भू-कटाव एवं जलभराव से हुई क्षति का त्वरित आंकलन कर प्रभावितों को शीघ्र राहत राशि उपलब्ध कराई जाए और सभी विभागीय अधिकारी आपसी सामंजस्य और समन्वय के साथ आपात स्थिति में कार्य करें, ताकि समयबद्ध और परिणामोन्मुख कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में घरों एवं खेतों को हुए नुकसान की जानकारी ली और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि प्रशासन उनकी हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, पेयजल, चिकित्सा और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

पुलिस अधीक्षक अजय गणपति ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सभी संवेदनशील स्थानों पर लगातार चौकसी रखी जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। निरीक्षण के दौरान विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, उपजिलाधिकारी आकाश जोशी सहित पुलिस, सिंचाई, विद्युत, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी, ग्रामीण एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।