ग्रामोत्थान परियोजना से मिली 35 हजार की मदद ने तारी देवी का जीवन बदला
चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाएं लगातार सकारात्मक परिणाम दे रही हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज लोहाघाट विकासखंड की ग्राम पंचायत बोराबुंगा की निवासी तारी देवी ने बकरी पालन के माध्यम से अपनी जिंदगी को नई दिशा दी है।
तारी देवी, शोभा स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं, जो प्रेरणा महिला संकुल संघ, दिगालीचौड़ के अंतर्गत संचालित है। तलाक के बाद तारा देवी अपने मायके में रहकर बच्चों की परवरिश कर रही थीं। परिवार में कोई वयस्क पुरुष न होने के कारण आजीविका का कोई स्थायी साधन नहीं था, जिससे बच्चों की शिक्षा और घर के खर्च पूरे करना कठिन हो गया था। राज्य सरकार द्वारा संचालित ग्रामोत्थान परियोजना (आईफैड द्वारा वित्तपोषित) ने तारी देवी के जीवन में नई उम्मीद जगाई। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाना, पलायन रोकना और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। समूह बैठकों में तारा देवी की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ के लिए चयनित किया गया।
परियोजना के तहत ₹35,000 की ब्याज-मुक्त धनराशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित की गई, जिससे उन्होंने 6 बकरियां खरीदकर बकरी पालन का कार्य प्रारंभ किया। जल्द ही यह निर्णय उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन लेकर आया। अब तक तारी देवी 4 बकरियां बेचकर ₹12,000 की आय अर्जित कर चुकी हैं, वहीं नियमित रूप से हर माह ₹1,000 की किस्त संकुल संघ को जमा कर रही हैं। वर्तमान में उनके पास 14 बकरियां हैं, जिनसे उन्हें निरंतर आय प्राप्त हो रही है। इस आमदनी से वे अपने बच्चों की शिक्षा, घर की आवश्यकताओं और पारिवारिक खर्चों को सहजता से पूरा कर रही हैं।
तारी देवी कहती हैं ‘ग्रामोत्थान परियोजना से जुड़ने के बाद मेरे जीवन में बड़ा बदलाव आया है। पहले परिवार की जरूरतें पूरी नहीं कर पाती थी, पर अब अपनी मेहनत से आमदनी कमा रही हूँ। बकरी पालन ने मुझे आत्मनिर्भर बनाया और आत्मविश्वास बढ़ाया है। मैं संकुल संघ और परियोजना टीम की बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे यह अवसर दिया।’

